राष्ट्रीय
05-Nov-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि आज दुनिया में कई तरह के खतरे हैं और ये तेजी से बदल रहे हैं। इसके बाद कोई भी देश अपने दम पर सुरक्षित नहीं रह सकता। अब सभी को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में मिलजुलकर की गई खोज (इनोवेशन) ही सबसे मजबूत सुरक्षा कवच है। जनरल द्विवेदी ने यह बात एक कार्यक्रम में कही। इस कार्यक्रम में सेना के वरिष्ठ अधिकारी, रक्षा विशेषज्ञ और उद्योग जगत के लोग शामिल हुए। इस दौरान सेना प्रमुख ने कहा कि सेना अब ड्रोन युद्ध, क्वांटम टेक्नोलॉजी, 6जी और स्पेस मिशन जैसे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रही है। हम इसतरह की तकनीकों पर काम कर रहे हैं जो नागरिक और सैन्य दोनों जगह उपयोगी हों। जनरल द्विवेदी ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना को आर्थिक मजबूती मिली है, अब सेना को काम करने में ज्यादा आजादी और लचीलापन मिल रहा है। इसका कारण नए हथियार और तकनीक को शामिल करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। सेना प्रमुख ने कहा कि भविष्य में होने वाली लड़ाई में मशीनें और टेक्नोलॉजी का बड़ा रोल होगा। सेना अब पूरी तरह ऑटोमेशन और मैन-अनमैन्ड टीम्स की तरफ देख रही है। इससे सैनिकों की उतनी ही संख्या से हमें ज्यादा काम मिल सके। यह तभी हो पाएगा, जब उद्योग हमारे साथ मिलकर नई तकनीक दें। आने वाले समय में युद्ध किसी एक तरीके या क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा। भविष्य की जंग इस बात पर निर्भर करेगी कि हम अपने विचारों को कितनी जल्दी असली ताकत और क्षमता में बदल पाते हैं। विचार से क्षमता तक पहुंचने का मतलब है कि निर्भरता से आत्मनिर्भरता और फिर आत्मनिर्भरता से शक्ति हासिल करना। भारत ने कई आधुनिक हथियार बनाए हैं, जैसे आकाश एयर डिफेंस सिस्टम, एटीएजीएस तोप और जोरावर लाइट टैंक। ये उदाहरण बताते हैं कि भारत अब रक्षा के क्षेत्र में अपने दम पर मजबूत हो रहा है। ​​​​​अब बेशक लड़ने का तरीका बदल गया है और अब झगड़े सिर्फ सीमा तक सीमित नहीं रहते। लेकिन चाहे युद्ध जैसा भी हो, अंत में जमीन ही जीत का असली पैमाना होती है, यही असली सफलता तय करती है। आशीष दुबे / 05 नवंबर 2025