लंदन (ईएमएस)। ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ एडिलेड की एक नई रिसर्च ने साबित किया है कि ये सांप सतह की ओर लौटते समय अपनी देह को लहरों की तरह मोड़ते हुए यानी ‘विगल’ करते हैं। यह अनोखा व्यवहार न केवल देखने में दिलचस्प है बल्कि समुद्री पारिस्थितिकी और सांपों की अनुकूलन क्षमता को समझने में भी अहम साबित हो सकता है। शोध टीम ने दो प्रमुख प्रजातियों हायड्रोफिस स्टोक्सी (स्टोक्स सी स्नेक) और हायड्रोफिस मेजर (ग्रेटर सी स्नेक) पर अध्ययन किया। वैज्ञानिकों ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के एक्समाउथ गल्फ और न्यू कैलेडोनिया के तटीय इलाकों में पांच सांपों पर अल्ट्रासोनिक ट्रांसमीटर लगाए, जो हर दो सेकंड में सांपों की गहराई का डेटा भेजते थे। इस डेटा के आधार पर उनकी 3 डी डाइविंग पाथ बनाई गई, जिससे यह खुलासा हुआ कि ये सांप अपना 97 प्रतिशत समय पानी के भीतर बिताते हैं और दो प्रकार की डाइव करते हैं ‘यू-शेप’ और ‘एस-शेप’। ‘एस-शेप’ डाइव विशेष रूप से दिलचस्प है क्योंकि इसमें सांप लहराते हुए धीरे-धीरे सतह की ओर बढ़ते हैं। यह व्यवहार अब तक किसी अन्य समुद्री जीव में दर्ज नहीं हुआ था। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह लहराना सिर्फ तैरने की तकनीक नहीं है, बल्कि तापमान नियंत्रण, ऊर्जा की बचत और दिशा पहचानने की एक रणनीति है। डॉ. कॉपर्समिथ ने बताया कि यह लहराती गति सांपों को पानी के तापमान और समुद्री धाराओं के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद करती है, जिससे वे बिना अतिरिक्त ऊर्जा खर्च किए सुगमता से आगे बढ़ सकते हैं। साथ ही यह तकनीक उन्हें चट्टानों और रीफ से टकराने से भी बचाती है। कुछ सांपों में यह लहर और तेज पाई गई, जिससे संकेत मिलता है कि वे शिकार का पीछा कर रहे होते हैं या अपनी गति नियंत्रित कर रहे होते हैं। दुनिया में करीब 60 प्रजातियों के “ट्रू सी स्नेक्स” पाए जाते हैं, जो पूरी तरह समुद्री जीवन के अनुरूप ढले हुए हैं। इनकी चप्पू जैसी पूंछ, नमक निकालने की विशेष ग्रंथियां और बंद हो सकने वाली नासिकाएं इन्हें समुद्र में जीवित रहने के लिए सक्षम बनाती हैं। सुदामा/ईएमएस 06 नवंबर 2025