नागरिकों की ₹9 लाख 11 हजार से अधिक राशि सुरक्षित वापस भोपाल (ईएमएस) । पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाणा के निर्देशन में मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा सायबर अपराधों के विरुद्ध चलाए जा रहे सतत् अभियान के तहत प्रदेशभर में त्वरित, तकनीकी एवं समन्वित कार्रवाइयाँ की जा रही हैं। पुलिस की सजगता और त्वरित प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप हाल ही के कुछ दिनों में नागरिकों को लगभग ₹9 लाख 11 हजार 242 की राशि सुरक्षित वापस दिलाई गई है। यह उपलब्धि सायबर अपराधों की रोकथाम में पुलिस की दक्षता, संवेदनशीलता और तकनीकी सक्षमता को दर्शाती है। मऊगंज जिले में पुलिस अधीक्षक श्री दिलीप सोनी के मार्गदर्शन में कार्यरत सायबर टीम ने गल्ला व्यापारी श्री मानिक लाल गुप्ता के खाते से ठगों द्वारा उड़ाए गए ₹6 लाख 57 हजार मात्र 11 दिनों में वापस कराए। व्यापारी ने नेट बैंकिंग सुविधा प्रारंभ करने के लिए गूगल पर सहायता मांगी थी, जहाँ ठगों ने उसे बैंक ऑफ बड़ौदा का एक फर्जी ऐप भेजा। उक्त ऐप के माध्यम से ठगों ने उसके खाते से पूरी राशि स्थानांतरित कर ली थी। शिकायत मिलते ही मऊगंज पुलिस ने त्वरित तकनीकी विश्लेषण कर एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से ट्रांजैक्शन ट्रैक किया तथा एचडीएफसी, जियो पेमेंट बैंक और बैंक ऑफ इंडिया के खातों में राशि होल्ड कराई। समन्वित प्रयासों से यह संपूर्ण राशि सफलतापूर्वक वापस कराई गई। शाजापुर जिले में सायबर पुलिस टीम की सतर्कता से ₹1 लाख 29 हजार की राशि ठगी के शिकार नागरिकों को वापस दिलाई गई। देवास जिले में भी सायबर सेल की सक्रियता से तीन प्रकरणों में कुल ₹1 लाख 25 हजार 242 की राशि रिकवर कराई गई। दोनों जिलों में यह सफलता समय पर सूचना, बैंक समन्वय और एनसीआरपी प्रणाली के कुशल उपयोग का परिणाम रही। राजधानी भोपाल में सायबर पुलिस ने “डिजिटल अरेस्ट” जैसे नए प्रकार के फ्रॉड को मात्र चार घंटे में रोककर एक नागरिक को ठगी से बचाया। थाना कोहेफिजा में दर्ज शिकायत के अनुसार फरियादी को स्वयं को एटीएस अधिकारी बताने वाले ठग ने डराने की कोशिश की थी। ठग ने वीडियो कॉल कर फरियादी को यह विश्वास दिलाने का प्रयास किया कि वह एक अपराध में संलिप्त है और उसकी “डिजिटल गिरफ्तारी” की जा रही है। पुलिस ने त्वरित तकनीकी कार्रवाई और समझदारी से इस ठगी के प्रयास को विफल कर दिया, जिससे किसी प्रकार का आर्थिक नुकसान नहीं हुआ। इन सभी कार्यवाहियों के परिणामस्वरूप हाल के दिनों में मध्यप्रदेश पुलिस ने कुल ₹9 लाख 11 हजार 242 की राशि पीड़ित नागरिकों को सुरक्षित वापस कराई है तथा भोपाल में संभावित ठगी को समय रहते रोक लिया गया है। पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाणा ने कहा कि “सायबर अपराधों के विरुद्ध कार्रवाई तभी प्रभावी हो सकती है जब नागरिक समय पर सूचना दें। पुलिस तकनीकी रूप से सक्षम है और सायबर हेल्पलाइन 1930 के माध्यम से हर नागरिक की सहायता के लिए तत्पर है।” मध्यप्रदेश पुलिस की अपील है कि यदि कोई व्यक्ति फोन कॉल, लिंक या वीडियो कॉल के माध्यम से डराकर, धमकाकर या किसी बहाने धन की मांग करे, तो तत्काल राष्ट्रीय सायबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या निकटतम थाना अथवा सायबर पुलिस को सूचित करें। नागरिकों की सजगता और पुलिस की तत्परता से ही सायबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण संभव है। ईएमएस/06नवंबर2025