लंदन (ईएमएस)। क्या आपने सोचा है कि अगर फेफड़े काम न करें तो इंसान किसी और अंग से सांस ले सकता है? जापान और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने इस सवाल का हैरान करने वाला जवाब खोज निकाला है। उन्होंने साबित किया है कि मनुष्य “एनल ब्रीदिंग” यानी मलद्वार के जरिए भी शरीर में ऑक्सीजन पहुंचा सकता है। यह तकनीक सुनने में अजीब जरूर लगती है, लेकिन इसका आधार प्रकृति में मौजूद है। वैज्ञानिकों ने बताया कि कुछ मछलियां, जैसे लोच फिश, तब अपने पाचन तंत्र के जरिए सांस लेती हैं जब पानी में ऑक्सीजन की कमी होती है। वे सतह पर आकर हवा निगलती हैं, जो उनके पाचन तंत्र से गुजरते हुए रक्त प्रवाह तक पहुंच जाती है। इसी तरह कुछ कछुए, समुद्री खीरे, ड्रैगनफ्लाई निंफ्स और सूअर भी तब शरीर के निचले हिस्से से ऑक्सीजन अवशोषित कर लेते हैं जब उनके फेफड़े सही तरीके से काम नहीं कर रहे होते। इन्हीं जीवों से प्रेरणा लेकर वैज्ञानिकों ने इंसानों पर इस असामान्य प्रक्रिया का परीक्षण किया। इस नई तकनीक को एंट्रल वेंटिलेशन नाम दिया गया है। इसमें ऑक्सीजन से भरपूर एक विशेष द्रव परफ्लूरोडेकालिन को एनिमा की तरह रेक्टम के माध्यम से शरीर में डाला जाता है। यह द्रव आंतों की दीवारों के जरिए खून में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है, यानी सांस लेने की प्रक्रिया फेफड़ों की जगह पेट के निचले हिस्से से होती है। वैज्ञानिकों ने इस प्रक्रिया का परीक्षण जापान में 27 स्वस्थ पुरुषों पर किया। इनमें से अधिकांश प्रतिभागियों ने एक घंटे तक इस द्रव को रेक्टम में रखा और बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के इसे सहन किया। कुछ ने डेढ़ लीटर तक तरल को भी बरदाश्त किया। हालांकि परीक्षण के दौरान उपयोग किया गया द्रव ऑक्सीजनयुक्त नहीं था, क्योंकि यह केवल सुरक्षा जांच का प्रारंभिक चरण था। शोध के सह-लेखक डॉ. ताकानोरी ताकेबे ने कहा, “यह पहली बार है जब इंसानों पर एनल ब्रीदिंग तकनीक का परीक्षण किया गया है। हमने फिलहाल यह साबित किया है कि यह सुरक्षित है, अगला कदम इसकी प्रभावशीलता साबित करना होगा।” अब वैज्ञानिक इस तकनीक में ऑक्सीजनयुक्त द्रव का उपयोग करने की तैयारी में हैं ताकि यह परखा जा सके कि यह रक्त में ऑक्सीजन स्तर को कितना बढ़ा सकता है और कितनी देर तक टिकाऊ है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह तकनीक सफल होती है, तो यह फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियों जैसे निमोनिया, संक्रमण या सांस की विफलता से जूझ रहे मरीजों के लिए जीवनरक्षक विकल्प बन सकती है। सुदामा/ईएमएस 07 नवंबर 2025