नई दिल्ली (ईएमएस)। ऑफिसों में लंबे समय तक काम, असंतुलित दिनचर्या और अनियमित भोजन की आदतों के कारण अधिकतर लोग या तो वजन कम होने की समस्या से जूझते हैं या फिर बढ़ते वजन से परेशान रहते हैं। इन गलत आदतों का सीधा असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है, जिससे डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी परिस्थितियों में योग शरीर और मन दोनों को संतुलन में लाने का सबसे प्रभावी उपाय है। इन्हीं में से एक है ‘उत्तानपादासन’, जिसे नियमित रूप से करने से न केवल शरीर की कई बीमारियां दूर होती हैं, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है। आयुष मंत्रालय की सलाह के अनुसार, उत्तानपादासन का रोजाना अभ्यास पेट दर्द, अपच और दस्त जैसी समस्याओं को खत्म करने में मदद करता है। यह आसन उदर और पेल्विस की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर की मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, जिससे शरीर में ऊर्जा का स्तर बेहतर रहता है। साथ ही, यह आसन अवसाद और चिंता को कम करने में भी बेहद कारगर माना जाता है। जो लोग दिनभर के तनाव, काम के दबाव या मानसिक थकान से जूझते हैं, उनके लिए यह योगासन मन को शांत करने और एकाग्रता बढ़ाने का अच्छा तरीका है। इस आसन को करने की विधि भी सरल है। फर्श पर योगा मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं और दोनों हाथों को शरीर के साथ सीधा रखें। हथेलियां जमीन की ओर हों और शरीर पूरी तरह रिलैक्स रहे। अब गहरी सांस लेते हुए दोनों पैरों को धीरे-धीरे 30 से 45 डिग्री तक ऊपर उठाएं। इस स्थिति में 10 से 20 सेकंड तक रहें और फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पैरों को नीचे लाएं। शुरुआत में इसे तीन से पांच बार करें और जैसे-जैसे शरीर की क्षमता बढ़े, दोहराव की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इसे सुबह खाली पेट करना सबसे अधिक लाभदायक होता है, क्योंकि इस समय शरीर और मन दोनों ताज़गी की स्थिति में होते हैं। ‘उत्तानपादासन’ न केवल शरीर को लचीला बनाता है बल्कि ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर कर पाचन क्रिया में भी सुधार लाता है। नियमित अभ्यास से गैस, कब्ज, पेट फूलना और भोजन के बाद भारीपन जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। जिन लोगों को सुबह पेट साफ न होने की शिकायत रहती है, उनके लिए यह आसन विशेष रूप से फायदेमंद है। इसके अलावा यह आसन ऑफिस वर्कर्स या छात्रों के लिए मानसिक एकाग्रता बनाए रखने में मददगार साबित होता है। योग विशेषज्ञों के अनुसार, केवल 15 दिनों तक नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास करने से शरीर और मन दोनों में सकारात्मक बदलाव महसूस होने लगते हैं। सुदामा/ईएमएस 07 नवंबर 2025