भोपाल(ईएमएस)। इंसानी बिरादरी और परवाज़ डेवलपमेंट मिशन के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार शाम “एक और आज़ादी-नशे और गुमराही से”विषय पर दो सशक्त नाट्य प्रस्तुतियाँ आयोजित की गईं। यश एंटरटेनमेंट स्टूडियो, शाहपुरा में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में फैलते नशे और मानसिक गुमराही से मुक्त जीवन की प्रेरणा देना था। इस अवसर पर मंचित किये गये नाटको के जरिये से दर्शकों ने नशा मुक्ति और आत्मचेतना का सशक्त संदेश अनुभव महसूस किया। कार्यक्रम आयोजन समिति के सदस्य आबिद मोहम्मद खॉन ने जानकारी देते हुए बताया की पहले नाटक का शीर्षण “एक गुमराही अनेक मौतें”था, मुनव्वर अली खान द्वारा लिखये गये इस नाटक का निर्देशन अब्दुल हक ने किया। इसके माध्यम से मौजूदा दौर के आधुनिक समाज की तेज रफ़्तार और भौतिकता की अंधी दौड़ पर करारा प्रहार किया। नाटक में दिखाया गया कि सफलता और दिखावे की चाह कैसे इंसान को मानसिक और शारीरिक विनाश की ओर धकेल देती है। इस सोलो नाटक की प्रस्तुति आबिद मोहम्मद खान द्वारा की गई। दूसरी प्रस्तुति आबिद मोहम्मद खॉन द्वारा लिखे गये “मुझे वापस आना है“ नाम से लिखे गये नाटक कि की गई। अब्दुल हक द्वारा निर्देशित इस नाटक में सूखे नशे (सिगरेट, तंबाकू), गीले नशे (शराब, नशीले पदार्थ) और डिजिटल नशे (मोबाइल, सोशल मीडिया) की गिरफ्त में फँसे युवाओं की व्यथा का बेहद जीवंत अंदाज में मंचन किया गया। कार्यक्रम के माध्यम से आयोजकों द्वारा आमजन को यह संदेश दिया गया की “सच्ची आज़ादी वही है, जब इंसान हर प्रकार की लत से मुक्त होकर जी सके।”कार्यक्रम के अंत में दर्शकों ने दोनों प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए इन्हें समाज में होने वाले सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में सार्थक प्रयास बताया। जुनेद / 13 नवंबर