- एडवाइजरी जारी, हैकर मनमाना कोड करने की खामी का उठा सकते हैं फायदा नई दिल्ली,(ईएमएस)। इंटरनेट यूजर हैकर्स का सॉफ्ट टारगेट बने हुए हैं। आए दिन यूजर्स के लिए नया खतरा पैदा हो जाता है। ताजा मामला गूगल क्रोम से जुड़ा है। भारत सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ने एक रिमोट कोड एग्जिक्यूशन खतरे को आइडेंटिफाइ किया है। यह वल्नरेबिलिटी गूगल क्रोम यूजर्स को बड़ी परेशानी में डाल सकता है और इसलिए क्रोम के डेस्कटॉप यूजर्स के लिए उच्च-गंभीर एडवाइजरी जारी की है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 13 नवंबर को जारी एडवाइजरी में चेतावनी दी गई है कि हैकर टारगेट किए गए सिस्टम पर मनमाना कोड रन करने के लिए इस खामी का फायदा उठा सकते हैं। एडवाइजरी के अनुसार इस वल्नरेबिलिटी से विंडोज पर गूगल क्रोम के 142.0.7444.162/163 से पहले वाले वर्जन और लिनुक्स और माकोस पर 142.0.7444.162 के पहले वाले क्रोम वर्जन को खतरा है। यह खतरा क्रोम के वी8 इंजन के गलत इम्प्लिमेंटेशन के कारण पैदा हुआ है और इससे हैकर ब्राउजर का गलत इस्तेमास करके यूजर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस वल्नरेबिलिटी के चलते हैकर्स को यूजर के सिस्टम का पूरा ऐक्सेस मिल सकता है, जिससे वे डेटा की चोरी और सर्विस में बाधा डाल सकते हैं। इस खतरे को हाई-रिस्क कैटिगरी में इसलिए रखा गया है क्योंकि यह यूजर को पता लगे बिना हैकर्स को सिस्टम का पूरा कंट्रोल दे देता है। इस वल्नरेबिलिटी का सबसे ज्यादा खतरा विंडोज, मैक ओएस और लाइनक्स पर आउटडेटेड क्रोम वर्जन को यूज करने वाले यूजर्स के ऊपर है। हैकर इस वल्नरेबिलिटी का फायदा उठाते हुए सिस्टम से काफी दूर होकर भी उसे हैक कर सकते हैं। इस खतरे से सेफ रहने का उपाय भी बताया गया है। अगर आप चाहते हैं कि आपको इससे नुकसान न पहुंचे, तो तुरंत अपने क्रोम डेस्कटॉप को लेटेस्ट वर्जन से अपडेट करें। गूगल ने इस समस्या को फिक्स कर दिया है, लेकिन इसके लिए आपको अपना क्रोम अपडेट करना होगा। सिराज/ईएमएस 16नवंबर25