भोपाल,(ईएमएस)। मध्य प्रदेश में संचालित ‘स्वस्थ नारी सशक्त परिवार’ अभियान और संबंधित स्वास्थ्य सर्वेक्षणों में एक चिंताजनक तथ्य सामने आया है, राज्य की लगभग आधी गर्भवती महिलाएं खून की कमी (एनीमिया) से जूझ रही हैं। मातृ और शिशु स्वास्थ्य सुधार पर केंद्रित इस अभियान में महिलाओं व किशोरियों के पोषण स्तर की विस्तृत जांच की जा रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के अनुसार, प्रदेश में 54.7 फीसद महिलाएं एनीमिया से प्रभावित हैं। राजधानी भोपाल में यह स्थिति और भी गंभीर है, जहां आंकड़ा 68 फीसद तक पहुंच गया है। यह स्तर राष्ट्रीय औसत से भी अधिक चिंता पैदा करने वाला है। जिलों में स्थिति प्रदेश के कई जिलों में एनीमिया की समस्या व्यापक है। पन्ना जिले में लगभग 50 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं खून की कमी से पीड़ित पाई गईं। स्वास्थ्य विभाग के सर्वे के अनुसार ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब है, जहां पोषण की कमी, जागरूकता की कमी और नियमित जांच न होने जैसी समस्याएं प्रमुख कारण हैं। अभियान का उद्देश्य महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान, महिलाओं, किशोरियों और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी, तथा एनीमिया जैसी व्यापक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से कार्य कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस अभियान के बाद भी एनीमिया का स्तर अपेक्षाकृत अधिक होने से स्पष्ट है, कि महिलाओं में पोषण जागरूकता, नियमित जांच और सप्लीमेंट के सेवन को लेकर और अधिक सुदृढ़ प्रयासों की जरूरत है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते प्रभावी कदम न उठाए गए, तो यह समस्या मातृ और शिशु स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकती है। हिदायत/ईएमएस 16नवंबर25