राज्य
16-Nov-2025
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भोपाल सहित विदिशा, सीहोर और रायसेन में भी खपाई जाली करेंसी - एक दिन में पॉच-पॉच सौ के 3-4 जाली नोट - 30 लाख से ज्यादा नकली नोट छापने का रॉ मटेरियल जप्त भोपाल(ईएमएस)। पिपलानी पुलिस द्वारा नकली नोट छापने वाले आरोपी यूपी निवासी विवेक यादव पिता मनोज यादव (21) ने पूछताछ में कई चौकांने वाले खुलासे किए हैं। उसने बताया की वह एक दिन में केवल 3-4 जाली नोट ही खपाता था। उसका निशाना शहर के आउटरों में बनी छोटी किराना दुकानों, गुमटियों और चाय-नाश्ते की होटले रहती थी, इन स्थानो पर जाकर वो सौ रुपये तक का सामान सामान लेता और दुकानदार को पांच सौ रुपए का नोट देकर उससे बाकी बचे पैसै के रुप में असली नोट हासिल कर लेता। जालसाज विवेक ने भोपाल में जहॉ रायसेन रोड, 11 मील, बैरसिया रोड का ईंटखेड़ी गुनगा, परवलिया सड़क, एयरपोर्ट रोड, गांधी नगर, पिपलानी, अवधपुरी सहित कई अन्य इलाकों में नोट खपाने की बात का खुलासा किया हैं। वहीं उसने शहर से बाहर जाकर विदिशा, सीहोर और रायसेन में जाली करेंसी खपाई है। विवेक के किराये से रहने वाले मकान की तलाशी लेने पर पुलिस को सवा लाख कीमत के 500 रुपए के 428 नकली नोट मिले हैं। इतना ही नहीं पुलिस ने वहॉ से इतना मटेरियल जप्त किया है, जिसकी मदद से आरोपी 30 लाख से अधिक के नकली नोट छाप सकता था। पूछताछ में उसने यह भी बताया की नकली नोट खपाने के बाद मिली रकम से उसने अधिक सफाई से नोट छापने के लिये महंगे उपकरण खरीदे थे, नोट प्रिंट करने के लिये सारा सामान उसने ऑनलाइन मंगाया था। आरोपी विवेक ने पुलिस को बताया कि वो पिछले एक साल से अकेले ही ये काम कर रहा था। और अब तक पॉच लाख से अधिक की जाली करेंसी खपा चुका है, पुलिस की पकड़ ने आने पर वह बैखौफ होकर नकली नोट चलाने लगा और रकम आने पर जरूरत का सारा सामान जुटाने के बाद अपने महंगे शौक पूरे करने लगा। वह शहर के नामी होटलों में खाना-खाने के बाद से लेकर मॉल से ब्रांडेड कपड़ खरीदता। गौरतलब है की 10वीं पास आरोपी विवेक मूलतः उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। फिलहाल वो भोपाल में करोंद इलाके में किराये से रह रहा था। पिपलानी इलाके में शुक्रवार शाम को वो शांति नगर झुग्गी बस्ती के पास एक दुकान पर दोबारा नोट चलाने गया था। जहां उसे पहचान लिया गया, इसके बाद मिली सूचना पर पुलिस ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। * प्रिटिंग का काम सीखा, फिर छापने लगा नकली नोट पुलिस पूछताछ में आरोपी विवेक ने बताया की नकली नोट छापने की योजना के मुताबिक उसने पहले प्रिंटिंग प्रेस में काम किया था, वहॉ से डिजाइनिंग और प्रिंटिंग का अनुभव आने के बाद उसने घर में ही सामान जुटाकर जाली नोट छापना शुरु कर दिये थे। उसने जाली नोट तैयार करने का सामान ऑनलाइन खरीदा था। नकली नोट बनाने के कागज मंगाकर वह उन कागजों को पहले ब्लेड से काट लेता और फिर पेंसिल से मार्किंग करके तथा दूसरे कागज पर आरबीआई भारत की पट्टी चिपका देता था। इसके बाद दोनो कागजों को चिपकाकर एक साथ जोडकर पेपर की कटिंग करता फिर प्रिंटर से प्रिंट निकालकर नोट के आकार मे उन्हें काट लेता था। इस नोट की बाहरी चीजें जैसे 500 रूपये एवं वाटर मार्किंग कर वह नकली नोट तैयार करता था। * जल्द पैसा कमाने का लालच पड़ा महंगा जल्द पैसा कमाने की लालच में अपने किराये के घर में ही आरोपी विवेक ने नकली नोट छापना शुरु कर दिये। इसके लिये आरोपी ने न सिर्फ प्रिटिंग प्रेस में जाकर प्रिंटिक का काम सीखा बल्कि बेस्ट क्वालिटी की प्रिटिंग के लिए जर्मन राइटर्स की किताबें भी पढ़ी। इसके बाद प्रिंटिंग प्रेस में काम करने के अनुभव का इस्तेमाल कर उसने घर में प्रिटिंग का सारा सामान जमा कर पॉच-पॉच सौ के नकली नोट तैयार करना शुरु कर दिये। जुनेद / 16 नवंबर