अखिल भारतीय बाघ गणना में चलेगा पता टाइगर रिजर्व के जंगल में मौजूद हैं कितने बाघ वर्ष 2022 में मध्यप्रदेश को मिला था टाइगर स्टेट का दर्जा बाघों की सबसे अधिक संख्या एमपी में मौजूद हैं दमोह (ईएमएस)। दमोह जिले के तेंदूखेड़ा!- प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व सहित वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में भी बाघ गणना का कार्य शुरू हो गया है पहले चरण में शनिवार 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक यह गणना चलनी है इस गणना आज तीसरा दिन है जिसमें 300 ग्रिड काम होगा इसमें मोहली झापन सिंहपुर और कुछ हिस्सा नौरादेही का शामिल हैं दूसरे चरण में 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक ब्लॉक के 250 ग्रिड में काम होगा इसमें डोंगरगढ़ सर्रा और बाकी बचा नौरादेही का हिस्सा होगा इसके लिए 1100 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं कैमरा ट्रैप लगाने के लिए विशेष टीम तैनात की गई है इन कैमरों की निगरानी के लिए स्थानीय अधिकारी कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है साथ ही बाघों के साथ तेंदुआ जंगली हाथी भारतीय बायसन जीवों की गिनती भी होगी अभी वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में 28 से अधिक बाघों की संख्या है और तेंदुआ 50 से अधिक बताएं जा रहे हैं जबकि वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व भेड़ियों का सबसे बड़ा घर है यहां पर एक हजार से भी अधिक भेड़ियों का निवास और विचरण क्षेत्र है वहीं नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अर्थोरिटी (एनटीसीए) की पहली आधुनिक कैमरा ट्रैप आधारित गणना वर्ष 2006 में हुई थी इसके बाद हर 4 साल में बाघों की गणना की जाती है वन विभाग के अनुसार 2014 में प्रदेश में 308 बाघ थे जो कि 2022 में बढ़कर 785 हो गए प्रदेश की बाघ वृद्धि दर 12.12 फीसदी रही है जो राष्ट्रीय औसत 6-7 फीसदी से लगभग दोगुनी है वन विभाग के अधिकारियों का अनुमान है कि इस बार बाघों की संख्या 1000 से अधिक होगी और देश-दुनिया में मध्यप्रदेश बाघों का सबसे बड़ा घर होगा *बाघ गणना के लिए कैमरा ट्रैप विधि सबसे विश्वसनीय* कैमरा ट्रैप विधि को बाघ गणना का सबसे विश्वसनीय तरीका माना जाता है। इस विधि से बाघों के शरीर पर बनी विशिष्ट धारियों के आधार पर उनकी पहचान की जाती है। ये कैमरे 24 घंटे सक्रिय रहकर बाघों और अन्य वन्यजीवों की गतिविधियों को रिकॉर्ड करेंगे कैमरों से प्राप्त होने वाले डेटा के आधार पर न केवल बाघों की संख्या का सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा, बल्कि उनके व्यवहार, मूवमेंट और निवास क्षेत्र को समझने में भी मदद मिलेगी यह पहल बाघ संरक्षण को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है *स्वदेशी बैटरी का इस्तेमाल* इस बार कमरे में स्वदेशी बैटरी का इस्तेमाल किया जा रहा है। कैमरे में लगाई जाने वाली जीटी अल्ट्रा गोदरेज कंपनी की बैटरी है, जिसकी क्षमता एक महीने से ज्यादा की है। एक ही स्थान पर कैमरे 25 दिन के लिए लगाए जाते हैं। लिहाजा इस बैटरी पर पूरा भरोसा किया जा सकता है। हालांकि कैमरा ट्रैपिंग के दौरान कैमरों की निगरानी का काम भी लगातार होगा *एक दिसंबर से होगा चिह्न संग्रहण* कैमरा ट्रैपिंग का काम शुरु होने के बाद एक दिसंबर से जंगल में गणना अभियान के तहत चिह्न संग्रहण काम शुरु होगा। इसके लिए वन कर्मचारी अपनी बीट की ट्रांजिट लाइन पर चलेंगे और वन्य प्राणियों के चिह्नों का संग्रहण करेंगे। प्राप्त किए जाने वाले चिह्नों की जानकारी एम स्ट्राइप ऐप में दर्ज की जाएगी। इसमें वन्य प्राणियों के पगमार्क, उनकी विष्टा, वृक्ष पर बनाए जाने वाले खरोंच के निशान और प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देने वाले वन्य प्राणी शामिल किए जाते हैं *राधा-किशन फैमिली ट्री, अब कुल 28 बाघ* बता दें कि वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में 2019 से अब तक का सफर एक सफल प्रोजेक्ट की मिसाल बन चुका है। एन-1 ने तीन बार शावकों को जन्म दिया जिसमें पहली बार में मई 2019 में तीन शावकों को दूसरी बार नवंबर 2021 में 4 शावकों और जो अब फोटो निकल कर सामने आई है जिसमें तीन शावक साथ में घूम रहे हैं जहां शावकों की उम्र 7 से 8 माह लग रही है जो मार्च व अप्रैल में जन्में हो सकते हैं वहीं एन-111 ने मई 2023 में चार शावकों जन्म दिया था। वहीं एन-112 ने नवंबर 2023 में पहले लिटर और मई 2025 में दूसरे लिटर में कुल 8 शावकों को जन्म दिया है। इस तरह अब कुल बाघों की संख्या 28 हो चुकी है, जिसमें प्राकृतिक जन्म से बढ़ोतरी के साथ साथ प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व से लाए गए बाघ बाघिन भी शामिल हैं *ढाई साल पहले बना टाइगर रिजर्व* वहीं जून 2023 में प्रदेश के सातवें और बुंदेलखंड के दूसरे टाइगर रिजर्व को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी से मंजूरी मिली थी। वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में दमोह सागर नरसिंहपुर जिले का कोर एरिया शामिल किया गया है। 2018 बाघ शिफ्टिंग प्रोजेक्ट के तहत बाघ-बाघिन लाए जाने के कुछ साल बाद यहां कुछ बाहरी बाघ आकर बस गए। टेरेटरी को लेकर बाघों के बीच संघर्ष हुआ। यहां 40से 50 तेंदुओं के अलावा चिंकारा, हिरण, नीलगाय, सियार, भेड़िया, लकड़बग्घा, भालू, मगरमच्छ, सांभर, मोर, चीतल व अन्य वन्य जीव भी हैं इनका कहना टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डॉ एए अंसारी ने बताया कि बाघ गणना का कार्य शुरू हो गया है और निगरानी के लिए अधिकारी कर्मचारी तैनात हैं रिजर्व में इस बार बाघों की संख्या बढ़ने की शुभ संकेत गणना में मिल सकते हैं। *डॉ एए अंसारी डिप्टी डायरेक्टर वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व* ईएमएस/मोहने/ 16 नवबंर 2025