ज़रा हटके
24-Nov-2025
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लंदन (ईएमएस)। सर्दियों में बुजुर्गों में अवसाद के मामले बढ़ जाते हैं। इसकी एक बड़ी वजह है ठंड के कारण एक कमरे या घर के भीतर ही सीमित हो जाना। बाहर न निकल पाने से शरीर को धूप कम मिलती है, जिससे विटामिन डी का स्तर गिरता है और मस्तिष्क में सेरोटोनिन जैसे खुशी देने वाले हार्मोन कम बनने लगते हैं। इससे उनका मूड अस्थिर होने लगता है और धीरे-धीरे वे अवसाद की ओर बढ़ जाते हैं। एक रिपोर्ट बताती है कि मौसमी भावात्मक विकार के लक्षण आमतौर पर सर्दियों में दिखाई देते हैं और गर्मियों में कम हो जाते हैं। ठंड के कारण बुजुर्गों की गतिविधियां सीमित हो जाती हैं। एक ही कमरे में रहने से ऑक्सीजन की कमी और शरीर में रक्त प्रवाह धीमा होने लगता है, जिससे उनमें हीन भावनाएं जन्म ले सकती हैं। यही भावनाएं आगे चलकर डिप्रेशन का रूप ले लेती हैं। इसके अलावा विटामिन डी की कमी से शरीर की जैविक घड़ी प्रभावित होती है, जिससे नींद, ऊर्जा और मूड पर नकारात्मक असर पड़ता है। सर्दियों के दौरान बार-बार थकान, सुस्ती और ऊर्जा की कमी इसी कारण महसूस होती है। अवसाद के शिकार बुजुर्ग अक्सर अपनी समस्या किसी से साझा नहीं करते। युवा जहां डिप्रेशन में भावनाएं व्यक्त करते हैं, वहीं बुजुर्ग चुप्पी साध लेते हैं और “मैं ठीक हूं” जैसे जवाब देते हैं। इस तरह की स्थिति गंभीर रूप ले सकती है, इसलिए उनके व्यवहार में आने वाले बदलावों पर नजर रखना बेहद आवश्यक है। अवसाद के संकेतों में दिनभर उदासी या निराशा महसूस करना, किसी काम में रुचि न लेना, बहुत अधिक या बहुत कम खाना, अत्यधिक सोना या नींद न आना, सामाजिक मेलजोल से दूरी बनाना, एक जगह देर तक बैठे रहना और जीवन को नकारात्मक नजरिये से देखना शामिल है। इस समस्या से निपटने के लिए दिनचर्या में बदलाव बेहद जरूरी है। बुजुर्गों को कम से कम समय के लिए ही सही, घर से बाहर धूप में ले जाएं। छोटे-छोटे घरेलू कार्यों में उनकी सहभागिता बढ़ाएं। पार्क में टहलने, बच्चों के साथ समय बिताने और हल्की-फुल्की गतिविधियों में शामिल होने से उनका मूड बेहतर होता है। नियमित आधे घंटे व्यायाम करना, दोपहर से पहले धूप लेना, हंसने के अवसर तलाशना, दूध, अंडे, केले, पपीता और कम चीनी वाले भोजन का सेवन भी मानसिक स्वास्थ्य सुधारने में मदद करता है। ठंड में बुजुर्गों के व्यवहार में छोटे बदलाव भी संकेत हो सकते हैं, इसलिए उनका विशेष ध्यान रखना इस मौसम में सबसे जरूरी है। सर्दियों का मौसम जहां ठंडक और आराम लेकर आता है, वहीं यह बुजुर्गों के लिए कई परेशानियों का कारण भी बन जाता है। कम तापमान के बीच यह उम्र वर्ग न सिर्फ शारीरिक रूप से कमजोर महसूस करता है, बल्कि मानसिक रूप से भी तनाव और अवसाद की स्थिति का सामना करना पड़ता है। सुदामा/ईएमएस 24 नवंबर 2025