कैम्ब्रिज (ईएमएस)। कैम्ब्रिज डिक्शनरी ने साल 2025 के लिए पैरासोशल को वर्ड ऑफ द ईयर घोषित किया है। यह शब्द सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि बदलती मनोवैज्ञानिक और सामाजिक वास्तविकताओं का प्रतीक बन चुका है। डिजिटल युग में भाषा लगातार नए रूप ले रही है। इंटरनेट के बढ़ते प्रभाव के साथ हर साल ऐसे नए शब्द सामने आ रहे हैं, जो हमारी ऑनलाइन और ऑफलाइन दुनिया के संबंधों को परिभाषित करते हैं। सोशल मीडिया के दौर में हम अपने पसंदीदा कलाकारों, यूट्यूबर्स, काल्पनिक किरदारों और यहां तक कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से भी भावनात्मक जुड़ाव महसूस करने लगे हैं, जबकि वास्तविक जीवन में उनका हमसे कोई व्यक्तिगत संबंध नहीं होता। कैम्ब्रिज डिक्शनरी के अनुसार पैरासोशल वह भावनात्मक रिश्ता है, जो कोई व्यक्ति किसी सेलिब्रिटी, काल्पनिक किरदार, फिल्म, सीरीज या एआई के प्रति विकसित कर लेता है। दिलचस्प बात यह है कि यह शब्द नया नहीं है। इसे 1956 में समाजशास्त्रियों ने टीवी दर्शकों और स्क्रीन पर नजर आने वाले कलाकारों के बीच बनने वाले एकतरफा रिश्ते को समझाने के लिए गढ़ा था। हालांकि, सोशल मीडिया के विस्फोट ने इसे फिर से प्रचलन में ला दिया। कैम्ब्रिज डिक्शनरी के चीफ एडिटर कॉलिन मैकइंटॉश का कहना है कि आज फैन कल्चर की बढ़ती तीव्रता और डिजिटल इंटरैक्शन का विस्तार इस शब्द को बेहद प्रासंगिक बना रहा है। सोशल मीडिया ने फैंस को पहले से कहीं ज्यादा करीब ला दिया है। अब लोग अपने पसंदीदा सितारों की हर अपडेट पर नजर रखते हैं, उनकी पोस्ट लाइक करते हैं, वीडियो साझा करते हैं और उनके व्यवहार को अपनाने की कोशिश भी करते हैं। पहले ऐसे बेहद उत्साही प्रशंसकों के लिए ग्रुपी, ओटाकू, ससैंग या स्टान जैसे शब्द उपयोग किए जाते थे, लेकिन अब ‘पैरासोशल’ इन भावनाओं का आधुनिक और व्यापक रूप बनकर उभरा है। यह शब्द तब और चर्चा में आया जब मशहूर यूट्यूबर आईसोस्पीड ने खुद को “नंबर 1 पैरासोशल बताने वाले एक अत्यधिक जुनूनी फैन को ब्लॉक कर दिया। इसके साथ ही टेलर स्विफ्ट और ट्रैविस केल्स की सगाई पर फैंस की जबरदस्त खुशी ने भी इस शब्द को सुर्खियों में ला दिया। हाल के समय में पैरासोशल भावनाएं कई घटनाओं में स्पष्ट दिखी हैं। एक ऑस्ट्रेलियाई इंस्टाग्रामर को सिंगापुर में अरियाना ग्रांडे को मंच पर पकड़ने की कोशिश के चलते जेल हुई, जिससे यह साबित होता है कि कुछ लोगों के लिए वास्तविकता और डिजिटल कल्पनाओं की सीमा धुंधली हो चुकी है। भारत में भी महिला क्रिकेट टीम की जीत पर मिली खुशी, सतीश शाह और असरानी जैसे कलाकारों के निधन पर जनता का गहरा शोक, और टीवी शो के समाप्त होने पर प्रशंसकों की भावनात्मक टूटन इसी प्रवृत्ति का संकेत हैं। कैम्ब्रिज डिक्शनरी ने स्लॉप और मेमेफाय जैसे शब्दों को भी इस साल महत्वपूर्ण माना है, जबकि डिक्शनरी.कॉम ने 2025 के लिए “नंबर 67” को वर्ड ऑफ द ईयर घोषित किया है। सुदामा/ईएमएस 24 नवंबर 2025