- पुलिस विभाग ने जारी की एडवायजरी, फर्जी कॉल्स से रहें सावधान - बीएलओ से सीधा संपर्क करें, कोई भी एपीके फाइल इंसटॉल न करें, न ओटीपी शेयर करें, भोपाल(ईएमएस)। इन दिनो भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची को वेरीफाई और अपग्रेड करने के लिये एसआईआर सर्वे कराया जा रहा है। इसका उद्देश्य योग्य मतदाताओं को शामिल करना और अपात्र या दोहराए गए नामों को हटाना है। लेकिन इस अभियान को सायबर ठगो ने अपना नया हथियार बना लिया है। जालसाज़ एसआईआर फॉर्म या इसी नाम से फर्जी कॉल कर आपसे ओटीपी मांगकर ठगी कर रहे है। ऐसी घटनाओ से बचने के लिये साइबर क्राइम, पुलिस कमिश्नरेट भोपाल ने एडवाइजरी जारी लोगो से जागरुक रहने की अपील की है। * इस तरह फंसाते है जाल में विभाग द्वारा जारी एडवायजरी में बताया गया है, हाल ही में साइबर ठगों ने नया तरीका अपनाया है, जालसाज एसआईआर फॉर्म या इसी नाम से फर्जी कॉल कर आपसे ओटीपी मांगते है। शातिर सरकारी दिखने वाले नामों और लोगो का उपयोग करते हैं, जिससे आप भ्रमित हो जाएँ। बातचीत करते हुए ठग एसआईआर.एपीके फाइल नाम से फर्जी एपीके इंस्टॉल कराते हैं। यह पूरी तरह से फर्जी और ठगी का प्रयास है। ऐसे कॉल्स से सावधान रहें और किसी भी स्थिति में अपनी व्यक्तिगत जानकारी या पैसे किसी को न दें। * बचने का यह है तरीका, एडवायजरी में बताया गया है की ऐसे जालसाजो से बचने के लिये सबसे पहले तो इस तरह के आने वाले किसी भी कॉल पर तुरंत विश्वास न करें। न ही अपने आधार, पैन, बैंक डिटेल्स, ओटीपी जैसी निजी जानकारी शेयर करें। जागरुक रहे और ध्यान रखें की अनजान व्यक्ति का फोन आए और वह आपके एसआईआर फॉर्म के लिए आपके मोबाइल पर आये ओटीपी को बताने का कहें तो किसी भी स्थिति में ओटीपी शेयर न करें। बात करने वाले से साफ तौर पर कह दें कि में इस बारे में केवल ऑफिस जाकर बात करूंगा, या अपने बीएलओ से ही संपर्क करूंगा। यदि इसके बाद भी फोन करने वाला व्यक्ति दबाव डाले, धमकी दे या ओटीपी बताने पर जोर दे, तो तुरंत पुलिस की मदद लें, अपने स्थानीय थाने में इसकी सूचना दें, और ओटीपी किसी भी व्यक्ति को न दें, चाहे वह खुद को किसी भी विभाग का कर्मचारी बताए। * फाइल इंस्टॉल न करें वरना फोटो, मैसेज, बैंकिंग डिटेल लग जायेगी ठगो के हाथ किसी भी तरह की किसी एसआईआर.एपीके फाइल को डाउनलोड या इंस्टॉल न करें। वरना इसके इस्टॉल करते ही आपके मोबाइल में सेव कॉन्टैक्ट्स नंबर, फोटो, मैसेज और सारी बैंकिंग डिटले चोरी हो सकती है। जालसाज आपके एसएमएस पढ़कर आपके बैंक एकाउंट से पैसे निकाल सकता है। सोशल मीडिया, ईमेल और यूपीआई ऐप्स के लॉगिन क्रेडेंशियल्स चुराए जा सकते हैं। आपके मोबाइल में वायरस या मालवेयर डाला जा सकता हैं। * एसआईआर फॉर्म भरते समय अपना मोबाइल नंबर देना पूरी तरह सुरक्षित एडवायजी में इन दिनो सोशल मीडिया पर फैल रहे भ्रामक मैसेज का खंडन करते हुए साफ किया गया है की एसआईआर फॉर्म भरते समय अपना मोबाइल नंबर देना पूरी तरह सुरक्षित है, इसमें कोई समस्या नहीं है। वहीं विशेष तौर पर यह बात भी कही गई है की सभी नागरिक इस बात का ध्यान रखें की कोई भी सरकारी एजेंसियाँ कभी भी फोन कॉल या व्हॉट्सएप, एसएमएस या एपीके फाइल के जरिये ओटीपी, बैंक एकांउट आदि की जानकारी नहीं मांगती हैं। इस तरह का कॉल आने पर उस कॉल को रिकॉर्ड करें और तुरंत ही इसकी सूचना भोपाल सायबर क्राइम के हेल्पलाइन नम्बर 9479990636 या राष्ट्रीय हेल्पलाईन नंबर 1930 पर दें। जुनेद / 24 नवंबर