- सहारा समूह की जमीन औने-पौने दाम में बेचने का मामला भोपाल (ईएमएस)। सहारा इंडिया समूह की भोपाल और लखनऊ स्थित जमीनों को रियल एस्टेट कंपनियों को बेचने के मामले में पूर्व डिप्टी डायरेक्टर ओपी श्रीवास्तव पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपना शिकंजा कसा है। दरअसल, इन जमीनों को ईडी जब्त कर चुका था, इसके बावजूद इनको बेचा जा रहा था। मप्र में सहारा समूह की जमीनों को औने-पौने दाम में बेचा गया है। इसलिए मप्र आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू)ओपी श्रीवास्तव से पूछताछ की तैयारी कर रहा है। ओपी श्रीवास्तव सहारा के लैंड डिवीजन के प्रमुख होने के नाते सागर जिले के भूमि सौदे के निर्णयों में शामिल पाए गए। यहां सौदे में हुई गड़बड़ी के आरोप में उसके विरुद्ध प्रकरण कायम किया गया था। एफआईंआर दर्ज किए जाने के बाद श्रीवास्तव को पत्र भेजकर और ई-मेल के माध्यम से ईओडब्ल्यू ने बयान देने के लिए बुलाया पर वह नहीं आए। एक कर उन्होंने अस्वस्थ होने की जानकारी देकर आने में असमर्थता जताई थी। अब जांच एजेंसी ने फिर से रिमाइंडर भेजने की तैयारी थी उसके पहले कोलकाता ईडी ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इस मामले की शिकायत जनवरी 2025 में ईओडब्ल्यू में हुई थी। परीक्षण में शिकायत में उल्लेखित तथ्य सही पाए जाने पर जांच एजेंसी ने एफआइआर दर्ज की थी। ईओडब्ल्यू ला सकती है भोपाल गौरतलब है कि श्रीवास्तव को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने कोलकाता से गिरफ्तार किया है। ईओडब्ल्यू की टीम कोर्ट की अनुमति से उसे भोपाल ला सकती है। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले का परीक्षण कर रहे हैं. इसके बाद निर्णय लेंगे। बता दें कि ईओडब्ल्यू ने सहारा प्रमुख के बेटे और समूह के सोधीएम सीमांती राय, ओपी श्रीवास्तव और उप महाप्रबंधक जेबी राय, मेसर्स सहारा इंडिया श्री सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड कंपनी के विरुद्ध इसी वर्ष 25 जुलाई को धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के आरोप में एफआइआर दर्ज की थी। मध्य प्रदेश के पांच शहरों में 400 एकड़ से अधिक जमीन बाजार दर से 90 प्रतिशत कम दर पर विक्रय करने और राशि सेबी सहारा के खाते में नहीं जमा करा के आरोप में यह कार्रवाई की गई थी। भोपाल, जबलपुर और कमी की जमीन विजयराघवगढ़ से भाजपा विधायक संजय पाठक के स्वजन की साझेदारी वाली कंपनियों को बेची थी। राशि जमा नहीं कराई भोपाल और सागर में बिक्री की पूरी राशि 62.52 करोड़ को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सेबी-सहारा के खाते में जमा नहीं कराई। इस खाते से राशि निवेशकों के खाते में लौटाई जानी थी। जबलपुर, कटनी और ग्वालियर में अवैध कटौतियों के माध्यम से 10.29 करोड़ रुपये की हेराफेरी की। कुल 72.82 करोड़ रुपये जी निवेशकों को वापस मिलने चाहिए थे, उसे आपराधिक षड्यंत्र करके हड़प लिया गया। गड़बड़ी में जिनकी भूमिका रही उनमें कारपोरेट कंट्रोल मैनेजमेंट प्रमुख सीमांतो राय जबलपुर और कटनी की भूमि विक्री के निर्णयों में सीधे तौर पर शामिल पाए गए। जेपी राय, उप महाप्रबंधक भोपाल भूमि सौदे के वित्तीय लेन-देन और निर्णयों में सक्रिय भूमिका थी। ओपी श्रीवास्तव, डिप्टी मैनेजिंग वर्कर सहारा के लैंड डिवीजन के प्रमुख होने के नाते सागर भूमि सौदे के निर्णयों में शामिल पाए गए। ईओडब्ल्यू के डीजी उपेन्द्र जैन का कहना है कि 400 एकड़ से अधिक जमीन मप्र के पांच शहरों में संजिश करके बाजार दर से 90 प्रतिशत कम दर पर बेचने के मामले में ओपी श्रीवास्तव की गिरफ्तारी के बाद पुछताछ के संबंध में मामले का परीक्षण कर रहे हैं। इसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा। विनोद / 24 नवम्बर 25