राज्य
24-Nov-2025


लखनऊ (ईएमएस)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अलीगंज स्थित प्राचीन रविदास मंदिर को निखारने का 4.64 करोड़ रुपए की स्वीकृत योजना के तहत आरंभ हो चुका है। सौंदर्यीकरण, आधारभूत ढांचे के सुदृढ़ीकरण और आधुनिक सुविधाओं के विस्तार के माध्यम से पूरे परिसर को नया स्वरूप दिया जा रहा है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने सोमवार को बताया प्रदेश का पर्यटन विभाग राजधानी लखनऊ में धार्मिक पर्यटन को गति देने के उद्देश्य से धार्मिक स्थलों के समग्र विकास पर तेजी से कार्य कर रहा है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और मंदिर के स्थानीय महत्व को ध्यान में रखते हुए विकास कार्यों को प्राथमिकता के साथ क्रियान्वित किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत सड़क मरम्मत, पेयजल सुविधा, बेहतर प्रकाश व्यवस्था, श्रद्धालुओं के बैठने के लिए बेंच तथा परिसर के जर्जर हिस्सों के पुनरुद्धार जैसी प्रमुख गतिविधियाँ शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि भक्तों को सुरक्षित, सुगम और बेहतर अनुभव उपलब्ध कराया जा सके। अलीगंज स्थित रविदास मंदिर राजधानी के प्राचीन धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। मंदिर के मुख्य द्वार पर अंकित स्थापना वर्ष 1924 इस बात का प्रमाण है कि यह धरोहर 101 वर्ष से भी अधिक पुरानी है। यह स्थान लंबे समय से स्थानीय समुदाय के धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन का केंद्र रहा है। परिसर में स्थित तीन प्राचीन समाधियों में से एक मंदिर निर्माण से भी पूर्व की बताई जाती है, जबकि अन्य दो समाधियां बाबा लीलादास और बाबा टिकाईदास से संबंधित हैं, जिन्होंने वर्षों तक यहां सेवाएँ दीं। स्थानीय समुदाय का मंदिर से गहरा भावनात्मक जुड़ाव रहा है। मंदिर के बाहर वर्षों से जूते-चप्पल की मरम्मत का कार्य करने वाले नौमी लाल बताते हैं कि उनके पिता भी यहीं कार्य किया करते थे। वहीं मिष्ठान विक्रेता भोलानाथ के अनुसार उनके बाबा ने 1931 में यहां दुकान लगानी शुरू की थी। संत रविदास जयंती के अवसर पर यहां हर वर्ष बड़े पैमाने पर आयोजन होते हैं, जिनमें स्थानीय लोग सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। व्यापारियों का मानना है कि सौंदर्यीकरण से श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी और स्थानीय व्यापार को भी लाभ मिलेगा। सिंह ने कहा कि अलीगंज स्थित प्राचीन रविदास मंदिर का समेकित विकास सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। चार करोड़ 64 लाख रुपये की स्वीकृत परियोजना के तहत सौंदर्यीकरण, अवसंरचनात्मक सुधार तथा आधुनिक सुविधाओं के विस्तार का कार्य तेजी से प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल भक्तों को बेहतर एवं सुरक्षित वातावरण मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और व्यापार के नए अवसर भी सृजित होंगे। जितेन्द्र 24 नवम्बर 2025