राज्य
24-Nov-2025


:: बिना चीरा, बिना लीड, 25 साल की बैटरी लाइफ; डॉ. आशीष जैन और टीम ने बनाया रिकॉर्ड :: इंदौर (ईएमएस)। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाते हुए, गोकुलदास हॉस्पिटल ने अब बिना चीरा लगाए और बिना तार (लीड) के लीडलेस पेसमेकर इम्प्लांटेशन की सुविधा शुरू कर दी है। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आशीष के जैन और उनकी टीम ने सफलतापूर्वक इस अत्याधुनिक प्रक्रिया को अंजाम दिया है, जो पारंपरिक पेसमेकर की तुलना में मरीजों को कई गुना बेहतर सुरक्षा और सुविधा प्रदान करती है। डॉ. आशीष के जैन ने बताया कि यह लीडलेस पेसमेकर इम्प्लांटेशन एक मिनिमली इनवेसिव कार्डियक प्रक्रिया है। इसमें पेसमेकर को पैर की नस (फेमोरल वेन) के माध्यम से सीधे हृदय के दाएं चेंबर में स्थापित किया जाता है। चूंकि इसमें छाती पर कोई चीरा या कट नहीं लगता, इसलिए मरीज की असुविधा और संक्रमण का जोखिम लगभग नगण्य हो जाता है। डॉ. जैन के अनुसार, पारंपरिक पेसमेकर में छाती पर चीरा लगाकर डिवाइस को रखा जाता है और हृदय तक तार पहुंचाए जाते हैं, जिससे संक्रमण और लीड संबंधी जटिलताओं का खतरा बना रहता है। इसके विपरीत, लीडलेस पेसमेकर की बैटरी क्षमता भी असाधारण है, जो लगभग 25 वर्षों तक कार्यक्षम रहती है। यह पारंपरिक पेसमेकर (5-10 वर्ष) की तुलना में बहुत अधिक है, जिससे मरीजों को बार-बार रिप्लेसमेंट से मुक्ति मिलती है। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. कुश भगत ने इसे वरदान बताते हुए कहा, बिना लीड और बिना पॉकेट वाली यह तकनीक जटिलताओं को बेहद कम करती है। मरीज प्रक्रिया के उसी दिन सामान्य रूप से चल-फिर सकता है और उसे लंबे समय तक अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं होती। यह विशेष रूप से अधिक संक्रमण जोखिम वाले या बुजुर्ग मरीजों के लिए एक अधिक सुरक्षित विकल्प है। यह उपलब्धि इंदौर में कार्डियक केयर को एक नया आयाम प्रदान करती है, जिससे हृदय रोगियों को आधुनिक और सुरक्षित उपचार मिल सकेगा। प्रकाश/24 नवम्बर 2025