राज्य
25-Nov-2025
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कोरबा (ईएमएस) छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के पदाधिकारियों ने नाराजगी जाहिर करते हुए शिक्षक संवर्ग का पदनाम बदलकर मल्टी-टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) रखने की सलाह दी है, उन्होंने कहा की जिस तरह से शिक्षकों से गैर शिक्षकीय कार्य कराया जा रहा है, उससे यह नाम देना उचित होगा, ताकि शिक्षकों से मूल कार्य के बजाय कोई भी काम लिया जा सके। विरोध करते हुए फेडरेशन ने शासन की नीति का विरोध करते हुए छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होना बताया है। शासकीय विद्यालयो में शिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के नाम पर राज्य सरकार ने शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया था। सरकार ने विद्यालयो के शिक्षकों को आवारा स्वानो की जानकारी संकलित कर ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और निगम को देने का अजीबो-गरीब फरमान जारी किया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी व जिलाध्यक्ष कोरबा सर्वेश सोनी, संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी अजय दुबे, यज्ञेश पांडेय, विरेन्द्र पांडेय आदि सभी ने नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार से पूछा है कि क्या विद्यालयो में छात्रों को विषय ज्ञान देना अत्यावश्यक सेवा नहीं है ? क्या आवारा स्वानो की सूचना देने का कार्य, शिक्षकों से कराने का आदेश माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिया है ? फेडरेशन के पदाधिकारियों का कहना है कि अधिकांश विद्यालयो में बाउंड्रीवॉल नहीं है। यदि है तो जीर्णोद्धार की स्थिति में है। ऐसे में शाला प्रमुख/शिक्षक आवारा स्वानो का शाला में प्रवेश के रोकथाम हेतु ​प्रबंध कैसे करेंगे ? आवारा स्वानो से क्या शिक्षकों को खतरा नहीं है ? बाउंड्रीवॉल नहीं होने से असामाजिक तत्वों का जमावड़ा देर रात तक विद्यालयो में होता है। इसके कारण शालेय वातावरण दूषित होता है, बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। शाला प्रमुख/शिक्षक को इसके रोकथाम के लिए जिला प्रशासन व जनमानस से सहयोग नहीं मिलता है। 25 नवंबर / मित्तल