क्षेत्रीय
26-Nov-2025
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कोरबा (ईएमएस) सार्वजनिक क्षेत्र के वृहद उपक्रम कोल् इंडिया की अनुसांगिक कंपनी एसईसीएल बिलासपुर के अधीन कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में स्थापित खुले मुहाने की गेवरा कोयला परियोजना अंतर्गत एसईसीएल कोल इंडिया की सहयोगी कंपनियों में क्षेत्रीय स्तर पर 26 नवंबर को प्रस्तावित विरोध-प्रदर्शन को टालने कोल इंडिया की अपील का एसईसीएल में असर नहीं दिखा है। जिले में संचालित एसईसीएल की कोयला खदानों में आंदोलन को सफल बनाने यूनियनों की संयुक्त बैठक में रणनीति बनाई गई। इसमें बीएमएस को छोड़कर एचएमएस, इंटक, सीटू व एटक के प्रमुख पदाधिकारी शामिल रहे। 29 श्रम कानूनों की जगह अब 4 लेबर कोड को केन्द्र सरकार ने देश में लागू किया है। पहले भी इसका विरोध हुआ था, लेकिन अब इसे लागू करने से एसईसीएल की कोयला खदानों के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा। 26 नवंबर को प्रस्तावित आंदोलन को सफल बनाने 4 ट्रेड यूनियनों की सीटू कार्यालय में संयुक्त बैठक हुई। दूसरी ओर कोल इंडिया के सीएमडी सनोज कुमार झा ने श्रम संहिताओं के क्रियान्वयन के लिए एकजुट समर्थन का आग्रह किया है। कोयला कर्मियों को जारी संदेश में उन्होंने कहा है कि देश में 4 लेबर कोड को अनुपालन को सरल बनाने, श्रमिक कल्याण को सुदृढ़ करने और संगठनात्मक दक्षता को बढ़ाना है। नए लेबर कोड बिल के लागू होने से श्रमिकों को बेहतर लाभ विशेषकर स्वास्थ्य सेवाओं, सामाजिक सुरक्षा, लैंगिक समानता, सुरक्षा कल्याण व कौशल विकास पर अधिक केन्द्रित प्रयास उपलब्ध कराए जा सकेंगे। इसका लाभ कर्मचारियों व संगठन दोनों को होगा। चालू वित्त वर्ष में कोल इंडिया कंपनी के उत्पादन में मानसून सीजन के प्रतिकूल प्रभाव की भी जानकारी साझा की है। इधर, संयुक्त ट्रेड यूनियन प्रस्तावित विरोध-प्रदर्शन पर कायम रहते हुए लेबर कोड बिल की प्रति जलाने और काली पट्‌टी लगाकर विरोध में शामिल होने का निर्णय लिया है। साउथ ईस्टर्न कोयला मजदूर कांग्रेस (इंटक) के केन्द्रीय अध्यक्ष गोपालनारायण सिंह ने कहा कि नए लेबर कोड बिल से श्रमिकों का अहित होगा। साथ ही इस बिल से उद्योगपतियों का हित होगा। 14 दिन के बजाय अब 60 दिन पहले हड़ताल की सूचना देनी होगी। काम की गारंटी भी नहीं रहेगी। लंबे संघर्ष के बाद श्रमिकों के हितों में कानून बनाया गया था, जिसे अब बदलने से श्रमिकों के अधिकारों का हनन है। 26 नवंबर को विरोध-प्रदर्शन से नए लेबर कोड बिल को वापस लेने की मांग की जाएगी। इस दौरान लेबर कोड बिल की प्रतियां जलाकर विरोध जताएंगे। एसईसीएल-दीपका क्षेत्र में कोल इंडिया के निदेशक (एचआर) डॉ. विनय रंजन का 26 नवंबर को एसईसीएल दीपका एरिया के दौरे पर आएंगे। सुबह 10:45 बजे महिला अधिकारी और कर्मचारियों से महिला सशक्तिकरण के संदर्भ में चर्चा करेंगे। नए लेबर कोड बिल में महिला श्रमिकों के लिए कई प्रावधान शामिल किए गए हैं। 26 नवंबर को शाम 5 बजे कोल इंडिया के निदेशक की उपस्थिति में एसईसीएल मुख्यालय में 5 यूनियनों के प्रमुख प्रतिनिधियों की बैठक भी आयोजित होगी।