गुना (ईएमएस) | जिले में खाद वितरण केंद्र पर मची अफरा-तफरी और बदइंतजामी ने एक आदिवासी महिला किसान की जान ले ली। बमोरी क्षेत्र के बागेरी में डबल लॉक गोदाम के बाहर, दो दिनों से उर्वरक के इंतजार में लाइन में लगी कुशेपुर गांव की भुरिया बाई को बुधवार रात अचानक गंभीर उल्टी और स्वास्थ्य बिगडऩे के बाद आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। ठिठुरती रात, खुला आसमान और प्रशासन की लापरवाही मृतका के परिजनों ने दर्द भरी कहानी बताते हुए कहा कि वह दो दिनों से खाद लेने के लिए लाइन में खड़ी थी। दिन भर कड़ी मशक्कत के बाद, रात में खुले आसमान के नीचे ही विश्राम कर रही थी, तभी उसकी तबीयत बिगड़ गई। इस हृदय विदारक घटना ने प्रशासन के उन दावों पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है, जिनमें पर्याप्त खाद उपलब्ध होने की बात कही जा रही है। इस घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक महकमे में हडक़ंप मच गया। कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि महिला को उल्टी होने के बाद निजी अस्पताल ले जाया गया था। उन्होंने खुद गांव पहुंचने की बात कही और एसडीएम को मौके पर रवाना कर दिया गया है। विपक्ष का आक्रोश: जिम्मेदारी कौन लेगा? स्थानीय कांग्रेस विधायक ऋषि अग्रवाल ने इस घटना पर तीखा आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब प्रशासन खाद की पर्याप्त उपलब्धता का दावा कर रहा है, तो किसान क्यों ठंड में खुले में सोने और लाइन में मरने को मजबूर हैं? विधायक ने सीधे-सीधे सरकार और प्रशासन से पूछा, इस सहरिया महिला किसान की मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा? एक तरफ सरकार जन मन की बात करती है और घर-घर खाद पहुंचाने का वादा करती है, दूसरी तरफ यह दुखद मौत सामने आई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, गुना दौरे पर मौजूद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्देश पर, कलेक्टर और पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया तुरंत पीड़ित परिवार से मिलने कुशेपुर गांव पहुंचे हैं। यह घटना ग्रामीण किसानों की उस मजबूरी और हताशा को दर्शाती है, जहाँ अन्नदाता को अपनी मेहनत का बीज बोने के लिए भी जीवन दांव पर लगाना पड़ रहा है। इनका कहना है - बड़ी ही दुखद घटना है।उनको पता नहीं था कि उन्हें शुगर थी।जिसके चलते वह लाईन में लगी रहीं। सूचना मिलने पर तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। किसानों से अपील है कि यूरिया के लिए परेशान न हो। इस रबी सीजन अंतर्गत यूरिया 32063 मे.टन, डीएपी 6581 मे.टन तथा एनपीके 9157 मे.टन एवं सिंगल सुपर फास्फेट 16592 मे.टन का भंडारण किया जाकर यूरिया 30661 मे.टन, डीएपी 4295 मे.टन तथा एनपीके 4843, सिंगल सुपर फास्फेट 9297 मे.टन का वितरण कृषकों को किया जा चुका है। वर्तमान में यूरिया 1402 मे.टन, डीएपी 2286 मे.टन तथा एनपीके 4314 मे.टन एवं सिंगल सुपर फास्फेट 4295 मे.टन कृषको को वितरण हेतु उपलब्ध हैं। पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। मेरी लोगों से अपील है खासकर उन लोगों से जो ह्दय रोग या अन्य रोगों से पीडि़त हैं वह स्वस्थ्य का ध्यान रखें।- किशोर कन्याल, कलेक्टर गुना - जांच रिपोर्ट डॉक्टर्स ने दी है। जिसमें यह पाया गया है कि शुगर बढऩे के कारण उनको उल्टी हुई। जिसके कारण उनकी मौत हेा गई। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री सिंधिया को लगी तो उन्होंने तत्काल कलेक्टर और मेरी ड्यूटी लगाई कि गांव में जाकर व्यवस्था बनाएं। हम संबल योजना के तहत दो लाख रुपए का मुआवजा देंगे। रेडक्रॉस से भी आर्थिक मदद कर रहे हैं। पूरे सहरिया समाज के साथ हम खड़े हैं। कमियों को दूर किया जाएगा। अभी तक गुना जिले में 30 हजार मेट्रिक टन बंट चुका है। 15 हजार मेट्रिक रिजर्व है। एक रेक आज आने की संभावना है। हो सकता है वितरण में कोई कमी हो। जिसे दूर किया जाएगा।- महेन्द्र सिंह सिसौदिया, पूर्व मंत्री - सीताराम नाटानी