नागपुर (ईएमएस)। शहर में साइबर ठगी की दो बड़ी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें एक महिला व्यवसायी और फोरेंसिक लैब की एक महिला कर्मचारी को कुल 57.5 लाख रुपए की चपत लगाई गई। दोनों मामलों में आरोपियों ने विश्वास जीतकर बैंकिंग व वित्तीय लेन-देन की जानकारी हासिल की और फिर रकम उड़ाने में देर नहीं की। पहला मामला धंतोली क्षेत्र का है, जहां 38 वर्षीय महिला व्यवसायी अपने फर्म के खातों की देखरेख के लिए एक अकाउंट सहायक की तलाश कर रही थीं। इसी दौरान उनकी मुलाकात सौरभ दुर्गाकुमार मिश्रा (32), निवासी त्रिमूर्ति नगर से हुई। सौरभ ने खुद को एक निजी बैंक की धंतोली शाखा का प्रबंधक बताकर महिला का विश्वास जीत लिया। महिला ने उसे अपने बैंक खाते की जिम्मेदारी सौंप दी, जिसका सौरभ ने दुरुपयोग किया। आरोपी ने नेट बैंकिंग का उपयोग करते हुए धीरे-धीरे 50 लाख रुपए महिला के खाते से अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। इतना ही नहीं, उसने महिला के मोबाइल फोन का भी इस्तेमाल कर खाते पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया था। जब वित्तीय गड़बड़ी सामने आई, तो पीड़िता ने साइबर पुलिस और कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई। मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी गई है। दूसरी घटना प्रतापनगर क्षेत्र की है, जहां फोरेंसिक लैब की एक महिला कर्मचारी को कथित रूप से कस्टम अधिकारी बताने वाले डॉ. मनीष मधुक और कविता शर्मा ने झांसा देकर 7.5 लाख रुपए ठग लिए। आरोपियों ने विदेश से लौटने के लिए पैसों की जरूरत का बहाना बनाकर महिला से रकम उगाही की। पीड़िता की शिकायत के आधार पर साइबर पुलिस ने जांच कर प्रतापनगर थाने में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया