कांकेर(ईएमएस)। शहर की प्यास बुझाने के लिए करोड़ों की लागत से शुरू की गई जल आवर्धन योजना फिलहाल बुरी तरह चरमराई हुई है। दावा किया गया था कि आने वाले 30 सालों तक कांकेर को पानी की कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। इनटेक वेल के तीन में से दो हाई-पावर पंप खराब पड़े हैं, और पूरा शहर सिर्फ एक चालू पंप पर टिका हुआ है। हाल यह है कि शहरवासियों को रोजाना मात्र आधा घंटे के लिए ही पानी मिल पा रहा है। ग्राम बागोड़ स्थित महानदी तट पर बने इनटेक वेल प्लांट में लगे तीन 100-एचपी पंपों में से एक पंप सालभर से खराब पड़ा है, लेकिन नगर पालिका ने अब तक ध्यान तक नहीं दिया। दूसरा पंप एक माह पहले खराब हुआ, तब जाकर दोनों पंपों को एक साथ रायपुर भेजा गया। लेकिन अब तक दोनों की मरम्मत पूरी नहीं हुई है। परिणाम—पूरा शहर सिर्फ एक पंप से चल रहा है, और वह भी किसी भी समय खराब हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो कांकेर की पानी सप्लाई पूरी तरह ठप पड़ जाएगी। शहर के 3300 नल कनेक्शन वाले इलाकों में सबसे ज्यादा मार एमजी वार्ड, जनकपुर, शांतिनगर और मांझापारा के लोगों पर पड़ी है। पार्षद मीरा सलाम कहती हैं हर दिन आश्वासन मिलता है कि दो टाइम पानी मिलेगा, लेकिन अब भी सिर्फ एक बार और वह भी आधे घंटे ही पानी मिल रहा है। एमजी वार्ड की मोहिनी चौहान, चमेली ठाकुर, मौसमी रजक, मीना गोस्वामी सहित कई महिलाओं ने बताया गर्मी-ठंड हर मौसम में पानी की मार झेल रहे हैं। एक पंप सालभर से खराब था, उसे बनाने किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब दूसरा खराब हुआ तो दोनों को एक साथ भेज दिया गया। नगर पालिका की लापरवाही का खामियाजा हमें उठाना पड़ रहा है। कांकेर के सीएमओ पवन मेरिया का कहना है दोनों पंप रायपुर में मरम्मत के लिए भेजे गए हैं। स्थानीय मैकेनिक इन्हें ठीक नहीं कर सकते। पुराने पंप की मरम्मत का रुका भुगतान अभी किया गया है। उम्मीद है दो-तीन दिन में दोनों पंप आ जाएंगे, तब सप्लाई सामान्य हो जाएगी। डेढ़ साल पहले खराब हुए पंप की मरम्मत का ₹1.80 लाख भुगतान भी सप्ताह भर पहले किया गया है। इससे साफ है कि भुगतान रुकने के चलते पंप की मरम्मत में देरी होती रही और शहर लगातार संकट में फंसा रहा। ईएमएस(राकेश गुप्ता)01 दिसम्बर 2025