क्षेत्रीय
01-Dec-2025
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गीता महोत्सव पर शासन के भागीरथी प्रयास राज्य को आध्यात्म की ओर ले जाएंगे - महंत श्री नरहरि दास गीता के ज्ञान से अश्वर, अभिमानी, आतंक का अंत करना ही सबसे बड़ी शिक्षा - जिला पंचायत अध्यक्ष श्री राजपूत अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में शामिल हुए तीन हजार से अधिक गीता पाठी सागर (ईएमएस)। गीता महोत्सव पर शासन के भागीरथी प्रयास राज्य को आध्यात्म की ओर ले जाएंगे उक्त विचार वृन्दावन बाग मंदिर के महंत श्री नरहरि दास ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर आयोहित कार्यक्रम में व्यक्त किए। इस अवसर पर महापौर श्रीमती संगीता सुशील तिवारी, श्री श्याम तिवारी, संभाग कमिश्नर श्री अनिल सुचारी, पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती हिमानी खन्ना, कलेक्टर श्री संदीप जी आर, पुलिस अधीक्षक श्री विकास शाहवाल सहित संत, जनप्रतिनिधि, छात्र-छात्राएं एवं बड़ी संख्या में गीता पाठी मौजूद थे।महंत नरहरि दास ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन के द्वारा जो आज गीता जयंती के अवसर पर 15वें अध्याय का सस्वर वाचन करने का भगीरथ प्रयास किया गया है यह अवश्य की प्रदेश को प्रगति उन्नति की ओर ले जाएगा। उन्होंने कहा कि जब विषम परिस्थितियों में धैर्य का परिचय व्यक्ति देता है तब समझ जाना चाहिए कि उसने गीता का अध्ययन किया है। धर्म को आत्मसात करना भी गीता सिखाती है।जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने कहा कि गीता के ज्ञान से अश्वर, अभिमानी, आतंक का अंत करना ही सबसे बड़ी शिक्षा मिलती है। उन्हेांने कहा कि आज देश में अनेक शिक्षण संस्थान, अनेक डॉक्टर आतंक का काम कर रहे हैं क्योंकि उनकों गीता का ज्ञान नहीं हैं इसलिए हम सभी को स्वयं एवं दूसरों को गीता का अध्ययन करने की आवश्यकता है। रामायण, महाभारत, गीता का अध्ययन अ वश्य ही करना चाहिए। आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के द्वारा पूरे प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर जो गीता के 15वें अध्याय का सस्वर वाचन कराया गया है यह अवश्य ही प्रदेशवासियों के विकास का नया रास्ता खोलेगा। सांसद लता वानखेड़े ने कहा कि श्रीमद्भगवतगीता जीवन जीने की कला सिखाने वाला सार्वभौमिक ज्ञान है। हमें गीता का अध्ययन अवश्य करना चाहिए। कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण ने अर्जुन केा गीता के महत्वपूर्ण उपदेशों का ज्ञान कराकर युद्ध जीता था। उन्होंने कहा कि एक मोहन ने अर्जुन को ज्ञान देकर महाभारत का युद्ध जीता था और दूसरे मोहन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज प्रदेश में गीता का सस्वर वाचन कराकर मध्यप्रदेश को विकसित मध्यप्रदेश बनाने के लिए भागीरथी प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि भारत देश सनातन संस्कृति का देश है और इसी से हमारा उदय हुआ है। गीता को हमें हमारे जीवन में अवश्य उतारना चाहिए।इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ विवेक केवी, नगर निगम कमिश्नर राजकुमार खत्री, अपर कलेक्टर अविनाश रावत, डॉ. धीरेन्द्र मिश्रा, एसएस बघेल, अरविन्द जैन, पं वासुदेव द्विवेदी (पूर्व प्राचार्य सं. महा.वि. धर्मश्री सागर), पं. मदन गोपाल शास्त्री, पं. रामचरण शास्त्री, पं. श्रीराम शास्त्री, पं. मनोज व्यास, पं. देवाशीष शास्त्री, पं. श्री शिवप्रसाद शास्त्री, राज राजेश्वरी देवी, जवाहर लाल द्विवेदी, महंत नरहरिदास, गोवर्धन पटैरिया, टीकाराम त्रिपाठी, एम.डी. त्रिपाठी, शिवप्रसाद तिवारी, सर्वेश्वर उपाध्याय जिला संयोजक, आरएस दीक्षित, दामोदर प्रजापति, विनय दुबे, किशोर गौतम, उमाशंकर द्विवेदी, प्रो. सरोज गुप्ता प्रचार्य, डॉ. आनंद तिवारी प्राचार्य, डॉ. जीएस चौबे, डॉ. शशि सिंह वि.वि. डॉ. सुखदेव वाजपेयी, रचना तिवारी, रावतपुरा सरकार संस्कृत विद्यालय के बटुक उपस्थित रहे। अतिथियों द्वारा प्रर्दशनी का किया गया उद्घाटन अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार जिले के मुख्य कार्यक्रम स्थल वृन्दावन बाग मंदिर परिसर में तीन दिनों तक चलने वाली गीता के उपदेशों एवं चित्रों पर आधारित भव्य एवं आकर्षक प्रदर्शनी का उद्घाटन महंत श्री नरहरिदास, सांसद श्रीमती लता वानखेड़े, महापौर श्रीमती संगीता सुशील तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हीरा सिंह राजपूत, श्री श्याम तिवारी सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने दीप प्रज्वलित कर शुरूआत की। निखिल सोधिया/ईएमएस/01/12/2025