वाराणसी (ईएमएस)। मेसर्स राइट्स के अधिकारियों के साथ मोजाम्बिक रेलवे के प्रतिनिधिमंडल ने बनारस रेल इंजन कारखाना में 3300 HP केप गेज CFM मोज़ाम्बिक लोकोमोटिव के मैन्युफैक्चरिंग की स्थिति का आकलन के लिए 01दिसंबर,2025 को बरेका का दौरा किया। मोजाम्बिक के 03 सदस्यी प्रतिनिधिमंडल में कार्यकारी बोर्ड सदस्य कैंडिडो गुमिस्साई जोन, वरिष्ठ यांत्रिक इंजीनियर एरास्टो जैसिंटो इवानो मुलेम्ब्वे, बोर्ड सलाहकार अरुण कुमार नरसिम्हा पाई सम्मिलित थे। प्रतिनिधिमंडल के बरेका आगमन पर प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर एस.के. श्रीवास्तव ने बुके प्रदान कर स्वागत किया। सर्वप्रथम प्रतिनिधिमंडल ने बरेका कार्यशाला की विभिन्न शॉपों जैसे न्यू् ब्लाक शॉप, लाईट मशीन शॉप, सब असेम्बली शॉप, इंजन टेस्ट शॉप, लोको असेंबली शॉप सहित विभिन्न शॉपों का दौरा किया। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल को मोज़ाम्बिक लोकोमोटिव के मैन्युफैक्चरिंग स्थिति के विभिन्न चरणों से अवगत कराया गया एवं बरेका में उपलब्ध अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधाओं को भी दिखाया गया। कारखाना भ्रमण के उपरांत प्रतिनिधिमंडल ने बरेका के अभिकल्प (डिजाइन) विभाग का भ्रमण किया एवं बरेका में निर्माणाधीन मोजाम्बिक लोकोमोटिव को और बेहतर बनाने हेतु लोको के डिजाइन के संबंध में विशेष रूप से चर्चाएं की। प्रतिनिधिमंडल बरेका में उपलब्ध डिजाइन क्षमताओं और निर्माण सुविधाओं से काफी प्रभावित दिखे। तदोपरांत जीएम कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित बैठक में मुख्य यांत्रिक इंजीनियर-उत्पादन एवं विपणन सुनील कुमार एवं मुख्य अभिकल्प इंजीनियर-डीजल प्रवीण कुमार ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बरेका की उपलब्धियों, तकनीकी विकास, लोको उत्पादन, वैश्विक निर्यात के साथ ही मोज़ाम्बिक लोकोमोटिव के मैन्युफैक्चरिंग के विभिन्न तकनीकी पहलुओं एवं निर्माण प्रक्रिया पर विस्तारपुर्वक अवगत कराया। इस दौरान लोको में लगने वाले उन्नत क्रिटिकल आइटम पर विशेष रूप से चर्चा हुई। इस दौरान प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर एस.के.श्रीवास्तव, प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर विवेक शील, मुख्य अभिकल्प इंजीनियर-विद्युत अनुराग कुमार गुप्ता, मुख्य विद्युत इंजीनियर-निरीक्षण भारद्वाज चौधरी, मुख्य विद्युत इंजीनियर-लोको अरविंद कुमार जैन, मुख्य संरक्षा अधिकारी एस.बी.पटेल सहित काफी संख्या में बरेका अधिकारी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि मोजाम्बिक रेलवे (सीएफएम) ने बरेका को 10 अत्याधुनिक 3300 हॉर्स पावर एसी–एसी डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के निर्माण और आपूर्ति के लिए मेसर्स राइट्स के माध्यम से प्रदान किया था। इन 10 इंजनों में से 04 लोकोमोटिव का निर्माण कार्य पूर्ण कर अक्टूबर 2025 तक सफलतापूर्वक मोजाम्बिक के लिए रवाना कर दिया गया है, शेष 06 लोकोमोटिव शीघ्र ही उत्पादन कर मोजाम्बिक को प्रेषण कर दिया जाएगा। विदित हो कि ये इंजन केप गेज (1067 मिमी) पर 100 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम गति से चलने में सक्षम हैं। तकनीकी नवाचार और चालक-सुविधाओं से युक्त इंजन न केवल तकनीकी दृष्टि से अत्याधुनिक हैं, बल्कि इसमें चालक के लिए रेफ्रिजरेटर, हॉट प्लेट, मोबाइल होल्डर, सौंदर्यबोध से परिपूर्ण कैब डिज़ाइन, शौचालय की सुविधा उपलब्ध है। ये विशेषताएं न केवल चालक की सुविधा सुनिश्चित करती हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कार्यस्थल की गुणवत्ता को भी दर्शाती हैं। बरेका का यह प्रयास सिद्ध करता है कि भारतीय रेल निर्माण इकाइयाँ विश्व मानकों के अनुरूप इंजनों का उत्पादन कर सकती हैं और विश्व पटल पर ‘मेड इन इंडिया’ की पहचान को और मजबूत कर रही हैं। 23 अप्रैल 1956 को बनारस रेल इंजन कारख़ाना की स्थापना से अब तक बरेका भारतीय रेलवे, इस्पात संयंत्रों, खानों, बंदरगाहों और निर्यात के लिए 11000 से अधिक लोकोमोटिव बना चुका है। यह भारतीय रेलवे का उत्पादन इकाई लोको उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी है। जनवरी 1976 में पहला रेल इंजन तंजानिया को निर्यात किया गया। इसके बाद वियतनाम, माली, सेनेगल, अंगोला, म्यांमार, बंग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया, मोजाम्बिक, सूडान आदि देशों को अब तक यहां के निर्मित 176 रेल इंजन भेजे जा चुके हैं। डॉ नरसिंह राम/ईएमएस/01/12/2025