-बाघेरी घटना से भी नहीं लिया सबक, कलेक्टर की मध्यस्थता के बाद शुरू हुआ टोकन वितरण गुना (ईएमएस) | जिले में खाद वितरण व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है, जिसका खामियाजा किसानों को लगातार उठाना पड़ रहा है। बाघेरी वितरण केंद्र पर लाइन में लगी एक महिला की मौत की दुखद घटना के बावजूद, जिम्मेदार अधिकारियों ने वितरण प्रणाली में सुधार नहीं किया। इसी अव्यवस्था के चलते सोमवार सुबह नाराज किसानों ने नानाखेड़ी मंडी कार्यालय में घुसकर जमकर हंगामा किया। मिली जानकारी के अनुसार, नानाखेड़ी मंडी परिसर स्थित डबल लॉक खाद वितरण केंद्र पर सोमवार सुबह तडक़े से ही सैंकड़ों किसान खाद लेने के लिए लंबी कतारों में खड़े थे। किसानों को अचानक सूचित किया गया कि टोकन वितरण अब वितरण केंद्र के बजाय सीधे मंडी कार्यालय से किया जाएगा। टोकन पाने की उम्मीद में सभी किसान दौडक़र मंडी कार्यालय पहुँचे, लेकिन वहाँ टोकन वितरण की कोई सुनियोजित व्यवस्था दिखाई नहीं दी। इस लापरवाही और कुव्यवस्था को देखकर किसानों का गुस्सा भडक़ उठा। उन्होंने सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाज़ी करते हुए सीधे मंडी कार्यालय के अंदर प्रवेश कर लिया और हंगामा शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुँची और किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल को स्वयं अपने दलबल के साथ मंडी कार्यालय पहुँचना पड़ा। कलेक्टर ने कार्यालय के बाहर किसानों से मुलाकात की और उनसे सीधे संवाद किया। उन्होंने किसानों की परेशानियों को सुना और उन्हें आश्वस्त किया कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है। उन्होंने किसानों से धैर्य बनाए रखने और प्रशासन की नई व्यवस्था में सहयोग करने की अपील की। तत्काल स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, कलेक्टर कन्याल ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिया कि टोकन वितरण का कार्य पूर्ववत डबल लॉक केंद्र से ही किया जाए, जैसा कि पहले होता आया था। कलेक्टर के आश्वासन और केंद्र पर तुरंत लाइन लगवाकर टोकन देने का कार्य शुरू होने के बाद ही किसान शांत हुए। उल्लेखनीय है कि बाघेरी की दुखद घटना के बाद, प्रशासन ने भले ही वितरण केंद्रों की संख्या 15 से बढ़ाकर 33 कर दी हो, लेकिन वितरण की जमीनी व्यवस्था अब भी विसंगतिपूर्ण है। किसान आज भी लंबी कतारों में घंटों खड़े रहने और अव्यवस्था का शिकार होने को मजबूर हैं, जिससे इस तरह के विरोध प्रदर्शन बार-बार सामने आ रहे हैं। इस मामले ने एक बार फिर जिला प्रशासन और सरकार को नागरिकों के निशाने पर ला दिया है। सीताराम नाटानी