मुंबई, (ईएमएस)। मुंबई में वातानुकूलित लोकल ट्रेनों में सफर करते समय अब यात्रियों को टिकट निरीक्षक को अपना पास पहचान पत्र दिखाना होगा। दरअसल मध्य और पश्चिम रेलवे की एसी लोकल ट्रेनों के लिए नकली टिकट और पास बनाने वालों के खिलाफ रेलवे प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है। महाप्रबंधक विवेक कुमार गुप्ता ने मध्य और पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को यूटीएस ऐप से ऑनलाइन टिकट और पास स्वीकार करने और ऑफलाइन जारी किए गए पास के साथ पहचान पत्र की भी जांच करने का निर्देश दिया है। बाजार में उपलब्ध आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एडिटिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके एसी लोकल ट्रेनों के लिए नकली पास बनाने की घटनाएं सामने आई हैं। मध्य रेलवे में तीन और पश्चिम रेलवे में दो मामलों में अलग-अलग रेलवे पुलिस स्टेशनों में केस दर्ज किया गया है। ऑफलाइन पास जारी करने के लिए रेलवे की ओर से एक ऑफिशियल पहचान पत्र जारी किया जाता है। इसके आधार पर पास में एक खास नंबर शामिल किया जाता है। मध्य और पश्चिम रेलवे के सभी टिकट निरीक्षक पास के साथ पहचान पत्र की भी जांच करें। भारतीय रेलवे के अधिकृत यूटीएस ऐप में दिखाए गए टिकट और पास को ऑनलाइन वैलिड टिकट और पास के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। टीसी को साफ़ निर्देश दिए गए हैं कि किसी और माध्यम से दिखाए गए ऑनलाइन पास स्वीकार न किए जाएं। असली टिकट के साथ पहचान पत्र न होने पर टिकट होने पर भी जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही, यूटीएस ऐप पर मौजूद टिकट को ही ऑफिशियल ऑनलाइन टिकट माना जाएगा। रेलवे एक्ट के मुताबिक, बिना टिकट वाले यात्रियों को 500 रुपये का जुर्माना देना पड़ता है। नकली टिकट का इस्तेमाल करना रेलवे के साथ धोखाधड़ी का मामला है। ऐसे अपराध के लिए भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 (2), 336 (3) और (4), 340 (1) और (2), 3 (5) के अनुसार ज़्यादा से ज़्यादा सात साल की जेल हो सकती है। इसलिए, रजिस्टर्ड अपराधों में तुरंत कार्रवाई पूरी करने के लिए मध्य और पश्चिम रेलवे के अधिकारी मुंबई रेलवे पुलिस के साथ ज़्यादा तालमेल बिठाएं, ऐसा भी महाप्रबंधक मैनेजर गुप्ता ने मध्य और पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया है। संतोष झा- ०६ दिसंबर/२०२५/ईएमएस