मुंबई, (ईएमएस)। विशेष न्यायालय ने मध्य रेलवे के कई अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली है। कोर्ट ने साफ किया कि मामले में आगे कोई कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है क्योंकि वास्तविक (प्रेडिकेट) अपराध की जांच पहले ही बंद हो चुकी है। दरअसल यह मामला 4 फरवरी, 2022 को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) की तरफ से दर्ज एफआईआर से शुरू हुआ था। इसमें आरोप लगाया गया था कि मध्य रेलवे के आठ अधिकारियों ने सप्लायर के साथ मिलीभगत करके निजी फायदे के लिए ऊंचे रेट पर इंटरचेंजेबल स्टोर और स्पेयर पार्ट्स खरीदकर धोखाधड़ी किया था। आरोपियों में उस समय के वरिष्ठ विभागीय विद्युत अभियंता वेद प्रकाश, सहायक विभागीय विद्युत अभियंता विजय कुमार शामिल थे। सीबीआई ने विशेष सीबीआई कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट फाइल की थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि मुकदमा चलाने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है। इसके मद्देनजर विशेष न्यायाधीश आर.बी. रोटे ने 1 दिसंबर को ईडी की क्लोजर रिपोर्ट को मंज़ूरी दे दी। विशेष न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, ईसीआईआर (ईडी केस) को जारी रखना कानूनी तौर पर मंज़ूर नहीं होगा, क्योंकि क्लोजर रिपोर्ट मंज़ूर कर ली गई है। संजय/संतोष झा- ०६ दिसंबर/२०२५/ईएमएस