ज़रा हटके
09-Dec-2025
...


बाजिंग,(ईएमएस)। चीन के जियांगसू प्रांत में चीनी एशियाई मूल के एक जोड़े को जब गोरी त्वचा, सुनहरे बाल और नीली आँखों वाली बच्ची हुई, तब पूरा परिवार और अस्पताल स्टाफ हैरान रह गया। डीएनए टेस्ट से यह साबित हुआ कि बच्ची उन्हीं की है, जिसके बाद इसके पीछे की वैज्ञानिक वजह का पता चला। बताया गया कि बच्ची के परदादा रूसी वंश के थे, जिसकी जानकारी परिवार के किसी सदस्य को नहीं थी। वैज्ञानिक भाषा में इस घटना को एटाविज्म कहा गया। एटाविज्म एक जैविक अवधारणा है जिसका मतलब है कि किसी जीव में इसतरह के लक्षण का अचानक फिर से दिखाई देना जो पिछली कई पीढ़ियों से निष्क्रिय थे, लेकिन किसी दूर के पूर्वज में मौजूद थे। ठस् सरल शब्दों में इस तरह समझा जा सकता हैं कि बच्चे को गुण डीएनए के माध्यम से मिलते हैं, जिसमें माता-पिता, दादा-दादी और दूर के पूर्वजों के जीन शामिल होते हैं। कुछ जीन (जैसे गोरी त्वचा या नीली आँखों वाले) पिछली कई पीढ़ियों से दबे हुए या निष्क्रिय थे। एटाविज्म तब होता है जब यह निष्क्रिय जीन अचानक से सक्रिय हो जाता है और उस बच्चे में अपना गुण व्यक्त करता है। इस कारण बच्चे में इसतरह के गुण आ जाते हैं जो उसके वर्तमान माता-पिता या हाल के पूर्वजों से बिल्कुल विपरीत होते हैं, लेकिन किसी दूर के पूर्वज (जैसे रूसी परदादा) से मेल खाते हैं। इसके बाद क्या हुआ? जोड़े ने अपने पैतृक इतिहास की गहराई से जाँच की, जिसके बाद उन्हें पता चला कि बच्ची के परदादा रूसी वंश के थे। मजेदार बात यह थी कि यह जानकारी परिवार के किसी भी सदस्य को पहले पता नहीं थी। इस खोज के बाद, बच्ची के लक्षणों (विपरीत रंग-रूप) की पुष्टि हो गई कि वह पैतृक जीन के कारण आए थे। इस घटना के सार्वजनिक होने और पुष्टि होने के बाद, पोस्ट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब शेयर किया गया। लोगों ने इस पर कई तरह की प्रतिक्रियाएँ दीं। कई यूजर्स ने इस घटना का मजाक बनाया। कई यूजर्स ने इसके पीछे छिपे विज्ञान का भी जिक्र किया। लोगों ने इस घटना को अटाविज्म का नाम दिया, जिसकी व्याख्या इस प्रकार है। यह एक बायोलॉजिकल कॉन्सेप्ट है। इसका अर्थ है कि दादा-दादी, परदादा-परदादी, माता-पिता और पूर्वजों के कई इसतरह के गुण जो सालों तक किसी अगली पीढ़ी में नहीं आते, मगर अचानक से किसी बच्चे में यह गुण नजर आने लगते हैं। अटाविज्म तब होता है जब कोई जीन का इनएक्टिव गुण अचानक से सक्रिय हो जाता है। इसका मतलब है कि बच्चा अपने पूर्वजों (जैसे दादा-परदादा) के गुण लेकर पैदा होता है। विज्ञान की दृष्टि से यह एक बहुत दिलचस्प विचार है और यह हजारों लोगों में एक बार देखने को मिलता है। आशीष/ईएमएस 09 दिसंबर 2025