सियोल (ईएमएस)। हाल ही में दक्षिण कोरिया में एक चौंकाने वाला साइबर हमला सामने आया है। इस ताजा हमले ने तकनीकी सुरक्षा और निजी गोपनीयता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लगभग 1 लाख 20 हजार सीसीटीवी कैमरों को चार आरोपियों ने हैक कर लिया और उनकी रिकॉर्डिंग को विदेशी वेबसाइट पर यौन शोषण संबंधी सामग्री के रूप में बेचा। यह घटना इसलिए और भी चिंता का विषय है क्योंकि भारत में भी घरों और दुकानों में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन अधिकांश लोग इसके साइबर खतरों से अनजान हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, सबसे ज्यादा खतरा आईपी कैमरों को हैक होने का रहता है। ये कैमरे इंटरनेट से जुड़े होने के कारण सुविधाजनक तो हैं, लेकिन साइबर हमलावरों के लिए इन्हें निशाना बनाना आसान हो जाता है। ज्यादातर कैमरे डिफॉल्ट पासवर्ड के साथ आते हैं, जिसे बदलना लोग भूल जाते हैं। अगर पासवर्ड कमजोर या फैक्ट्री सेट रहता है, तो कोई भी हैकर दूर बैठे-बैठे कैमरा एक्सेस कर सकता है और घर के अंदर की गतिविधियों पर नजर रख सकता है। ‘शोडन’ नाम की वेबसाइट ऐसे कैमरों की खोज करती है और उनकी लाइव फीड को इंटरनेट पर उजागर कर देती है। कई बार हैकर्स इन वीडियो को विदेशी वेबसाइट पर भी अपलोड कर देते हैं। हैकर्स कैमरे का डायरेक्शन बदलकर घर के बेडरूम या निजी जगहों तक की गतिविधियों को देख सकते हैं। इसका मतलब यह है कि आपके रोजमर्रा के काम जैसे सोना, खाना या कपड़े बदलना भी उनके हाथों में आ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस खतरे से बचने के लिए सबसे जरूरी कदम है मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड सेट करना, जिसमें बड़े और छोटे अक्षर, नंबर और स्पेशल कैरेक्टर शामिल हों। इसके अलावा मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू करना, सॉफ्टवेयर और फर्मवेयर को हमेशा लेटेस्ट वर्जन में अपडेट रखना बेहद जरूरी है। साइबर सुरक्षा में सावधानी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। कैमरा कभी अपने आप घूमे या असामान्य आवाज़ आए तो तुरंत पासवर्ड बदलें और साइबर सेल या पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं। बेडरूम, बाथरूम या संवेदनशील जगहों में कैमरा लगाने से बचें। अगर ये सरल लेकिन प्रभावी उपाय अपनाए जाएं, तो घरों और दुकानों के कैमरे हैकर्स की पहुंच से सुरक्षित रह सकते हैं। सुदामा/ईएमएस 10 दिसंबर 2025