कोरबा (ईएमएस) ग्रामो को साफ-सुथरा और स्वच्छ बनाए रखने में महिला स्वच्छाग्रहियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे प्रतिदिन सुबह रिक्शा लेकर ग्राम की गलियों और मोहल्लों में जाकर घर-घर से सूखा कचरा संग्रहित करती हैं तथा बिकाऊ कचरे को अलग कर कबाड़ विक्रेताओं को विक्रय करती हैं। इससे न केवल ग्राम स्वच्छ रहता है, बल्कि स्वच्छाग्रहियों को अतिरिक्त आय का साधन भी प्राप्त होता है। उक्त कथन श्रीमती मोनिका सिंह, राज्य सलाहकार (राज्य स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण) एवं संभाग प्रभारी बिलासपुर ने कोरबा जिले के पाली विकासखंड के भ्रमण के दौरान कही। उन्होंने बताया कि शहरों की तरह अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी कचरा संग्रहण व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो रही है, जो स्वच्छ भारत मिशन की बड़ी उपलब्धि है। भ्रमण के दौरान श्रीमती सिंह ने ग्राम बुड़बुड़, कपोट, लिटियाखार, मानिकपुर एवं सेंद्रीपाली में कचरा संग्रहण कार्य में संलग्न महिला स्वच्छाग्रहियों से मुलाकात कर उनके कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्वच्छ ग्राम में वातावरण स्वास्थ्य के अनुकूल होता है, जिससे लोग कम बीमार पड़ते हैं और जीवन-स्तर में सुधार आता है। इस अवसर पर उन्होंने स्वच्छाग्रहियों को 15वें वित्त आयोग के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि एवं अन्य सुविधाओं पर भी चर्चा की तथा कार्य को और अधिक प्रभावी ढंग से करने के लिए आवश्यक सुझाव दिए। कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पाली भूपेंद्र कुमार सोनवानी, जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) विमल धिरहि, जिला सलाहकार दीप सरकार, कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा सुरेश यादव, बीपीएम एनआरएलएम सत्यप्रकाश जायसवाल, विभिन्न ब्लॉक एवं क्लस्टर समन्वयक, सरपंच, पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, स्वच्छाग्रही महिलाएं, स्व-सहायता समूह की दीदियां एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे। 14 दिसंबर / मित्तल