राज्य
16-Dec-2025


मुंबई, (ईएमएस)।‎ ठाणे-कल्याण रेलवे कॉरिडोर मध्य रेलवे का सबसे बिज़ी और सबसे ज़रूरी कॉरिडोर माना जाता है। इसलिए मध्य रेलवे ने 10.8 किलोमीटर लंबे ठाणे-कल्याण रेलवे कॉरिडोर पर रेल यातायात के प्रेशर को कम करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। प्रस्तावित 7वीं और 8वीं लाइन के तहत, रेल प्रशासन कुछ खास जगहों पर अंडरग्राउंड रेलवे लाइन बनाने की संभावना देख रहा है। ठाणे-कल्याण रूट पर रोज़ाना लगभग 1000 ट्रेनें चलती हैं और यह लाखों यात्रियों के लिए इंटरचेंज ज़ोन का काम करता है। मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन के बढ़ते विस्तार के कारण, इस इलाके में ज़मीन की उपलब्धता एक बड़ी रुकावट बन गई है। इसलिए इसका विस्तार मुमकिन नहीं है, खासकर डोंबिवली के आसपास घनी आबादी वाले इलाकों में। रेलवे अधिकारियों का मानना ​​है कि लंबे समय में ट्रैफिक कम करने के लिए अंडरग्राउंड रेलवे एक ज़रूरी समाधान हो सकता है। मध्य रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि वे इस बात की स्टडी कर रहे हैं कि कल्याण-ठाणे कॉरिडोर पर नई रेलवे लाइनें कैसे लाई जा सकती हैं। फ़ाइनल लोकेशन सर्वे करने के लिए एक थर्ड-पार्टी एजेंसी को अपॉइंट किया गया है। स्टडी अभी अपने शुरुआती स्टेज में है। रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वे से यह पता लगाया जायेगा कि सबवे की ज़रूरत है या नहीं। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, फ़ाइनल लोकेशन सर्वे की रिपोर्ट 2026 के बीच तक तैयार होने की उम्मीद है। * कल्याण-ठाणे रूट का महत्व - ठाणे, दिवा और कल्याण बहुत ज़रूरी और बिज़ी स्टेशन हैं। - ठाणे स्टेशन मेन लाइन को पनवेल जाने वाले ट्रांस-हार्बर कॉरिडोर से जोड़ता है। - कल्याण से, रूट कसारा और कर्जत-खोपोली की ओर बंट जाता है। - दिवा से रोहा तक उपनगरीय सेवा को जोड़ता है। अधिकारियों ने माना कि ठाणे और दिवा के बीच 5वीं और 6वीं लाइन का काम 2022 में पूरा हो गया था, जिससे कुछ राहत मिली है, लेकिन समस्या पूरी तरह से हल नहीं हुई है। अभी, ठाणे और कल्याण के बीच लगभग 1200 उपनगरीय लोकल ट्रेन सेवा चलती हैं। रोज़ चलने वाली 894 लोकल ट्रेनों में से 70 प्रतिशत से 75 प्रतिशत ट्रेनें दिवा स्टेशन पर रुकती हैं। इस वजह से दिवा में लेवल क्रॉसिंग को दिन में करीब 39 बार बंद करना पड़ता है। इससे ट्रेन के शेड्यूल और रोड ट्रैफिक दोनों में दिक्कत होती है। यह प्रोजेक्ट सबअर्बन और लंबी दूरी की ट्रेनों की आवाजाही को पूरी तरह से अलग करने की एक बड़ी स्ट्रेटेजी का हिस्सा है। मध्य रेलवे लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) को और प्लेटफॉर्म के साथ बढ़ाने और परेल में एक नया टर्मिनस बनाने की प्लानिंग कर रहा है। इससे सीएसएमटी और दादर पर प्रेशर कम होगा। अंडरग्राउंड लाइनें ठाणे-कल्याण रूट पर यात्रा के लिए एक नया रास्ता देंगी। हालांकि अधिकारियों ने साफ किया है कि इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में कई साल लगेंगे। स्वेता/संतोष झा- १५ दिसंबर/२०२५/ईएमएस