- टेंडर की प्रक्रिया होगी शीघ्र शुरू - कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र पर होगा 100 करोड़ से अधिक खर्च कोरबा (ईएमएस) कोरबा-चांपा मार्ग में बसे बरबसपुर में प्रस्तावित कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र की स्थापना में 100 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होगी। इसके लिए नगर निगम 10 एकड़ जमीन गेल इंडिया लिमिटेड को 30 साल की लीज पर देगा। कंपनी अब टेंडर की प्रक्रिया शुरू करने वाली है। माना जा रहा हैं की संयंत्र बनने से गीले कचरे के निपटान की समस्या दूर हो जाएगी। प्रदेश के 6 निकायों में कंप्रेस्ड बायोगैस केंद्र स्थापना के लिए 17 जनवरी 2025 को एमओयू हो चुका है। जिसमें कोरबा नगर निगम भी शामिल है। छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण, गेल इंडिया लिमिटेड और भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के बीच ही समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। इसके तहत ही गेल इंडिया ने डीपीआर बनाया है। निगम को प्रशासन से 10 एकड़ जमीन मिल चुकी है। इसके बाद गेल इंडिया के अधिकारियों की टीम स्थल निरीक्षण कर जा चुकी है। निगम क्षेत्र में 67 वार्डों से करीब 50 टन ठोस अपशिष्ट रोज निकलता है। लेकिन बायोगैस गीले कचरे से ही बनेगा। नगर निगम के साथ ही नगर पालिका दीपका, बांकीमोंगरा, कटघोरा और नगर पंचायत छुरी से भी गीला कचरा लिया जाएगा। संयंत्र की क्षमता 100 टन तक की होगी। इससे भविष्य में विस्तार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उम्मीद जताई जा रही हैं की जमीन मिलने के बाद अब नए साल से निर्माण शुरू हो सकता है। संयंत्र की स्थापना में गेल इंडिया और भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड ही निवेश कर रही है। निगम को इसमें कोई भी राशि खर्च नहीं करनी पड़ेगी। इसके साथ ही सूखे कचरे के निपटान के लिए भी नगर निगम ने तैयारी की है। इस हेतु बरबसपुर ट्रांमिल की स्थापना की जाएगी। इससे सूखे कचरे के निपटान में मदद मिलेगी। * कंपनी ही लेगी सार्वजनिक संस्थाओं से अपशिष्ट संयंत्र में जो भी बायोगैस बनेगा उसकी बॉटलिंग भी कंपनी ही करेगी। कचरे को किस तरह संयंत्र तक ले जाना है इसके लिए भी अलग से योजना बनाई जा रही है। * नए साल से काम शुरू करने की तैयारी : डॉ. संजय तिवारी स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम के डॉ. संजय तिवारी ने बताया की कंपनी से जमीन का लीज एग्रीमेंट की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू होगी। नए साल में काम शुरू होने की संभावना है।