राज्य
17-Dec-2025
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इन्दौर (ईएमएस) राज्य सरकार द्वारा विकास कार्य हेतु बाधक निर्माण कार्य तोड़-फोड़ हेतु टीडीआर पॉलिसी के तहत जारी किए गए प्रमाण पत्र की भी अब खरीदी बिक्री शुरू हो गई है और पहली बिक्री के साथ इसकी शुरुआत नंबर वन शहर के रूप में पहचान बनाने वाले शहर इन्दौर में करते इसमें भी नंबर वन बना है। इन्दौर में राज्य सरकार की टीडीआर पॉलिसी के तहत जारी प्रमाणपत्रों में से पहला टीडीआर सर्टिफिकेट इंदौर में 40 लाख रुपए में बिका। यह टीडीआर सार्टिफिकेट सडक़ को चौड़ा करने के लिए 1000 वर्ग फीट क्षेत्र में तोड़े गए मकान के निर्माण के एवज में जारी किया गया था। बता दें कि राज्य सरकार द्वारा वर्षों गहन विचार विमर्श किए के बाद प्रदेश में ट्रांसफर आफ डेवलपमेंट राइट्स के लिए टीडीआर पॉलिसी बनाई गई है। इसमें यह प्रावधान है कि जहां भी नगरीय निकाय के द्वारा सडक़ को चौड़ा करने अथवा सडक़ का निर्माण करने के लिए निजी व्यक्ति की मालिकी की जमीन ली जाएगी एवं उस पर किया हुआ निर्माण तोड़ा जाएगा तो उसके एवज में संबंधित व्यक्ति के नाम पर टीडीआर सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। सरकार के द्वारा पिछले कई सालों से यह कहा जा रहा है कि जिसे हम टीडीआर सर्टिफिकेट देंगे वह उस सर्टिफिकेट को बाजार में बेच सकेगा। वहीं जो भी व्यक्ति इस सर्टिफिकेट को खरीदेगा उसे तोड़े गए निर्माण के अनुपात में अपने स्वयं के निर्माण स्थल पर अतिरिक्त निर्माण करने की अनुमति दी जाएगी। सरकार के द्वारा इस सर्टिफिकेट के रिसीविंग एरिया को आईडेंटिफाई करने का कार्य भी कर दिया गया। इसके परिणाम स्वरूप अब टीडीआर के सर्टिफिकेट बिकना शुरू हो गए हैं। इंदौर नगर निगम के द्वारा वर्ष 2017 में महू नाका चौराहा से लेकर टोरी कॉर्नर तक सडक़ का निर्माण और चौड़ीकरण का कार्य किया गया था। इस कार्य के लिए बड़ी संख्या में लोगों की मालकी की जमीन पर बने हुए मकान और दुकान तोड़े गए थे और उन्हें टीडीआर जारी किए गए थे। अब उनमें से ही चालीस लाख में एक टीडीआर बिका है जिसकी सूचना निगमायुक्त दिलीप कुमार यादव द्वारा मुख्यमंत्री को भी दी गई है कि इंदौर में पहला टीडीआर बिक गया है। आनन्द पुरोहित/ 17 दिसंबर 2025