क्षेत्रीय
19-Dec-2025
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खरगोन (ईएमएस)। केंद्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का नाम परिवर्तन की चल रही तैयारियों के बीच विवाद भी शुरु हो गया है। योजना में किए जा रहे परिवर्तन पर आदिवासी दलित संगठन ने आपत्ति दर्ज कराते हुए इसे मजदूरों के साथ धोखा बताते हुए, पूर्व की भांति संचालित कि, जाकर नियमित रोजगार देने की मांग की है। इस दौरान सांकेतिक रुप से प्रति भी जलाई। संगठन के बलिराम कनासे, भिकला सोलंकी, जगदीश सोलंकी, दयाराम अवासे, ज्ञानी बाई, कडवी बाई आदि कार्यकर्ताओं ने जिला पंचायत पहुंचकर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में 6 बिंदूओं पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए नए कानून को खारिज करो, रोजगार गारंटी में 200 दिन की मजदूरी की गारंटी दो, 600 रुपए की मजदूरी दो, रोजगार गारंटी कानून को दुरुस्त करो, समय पर काम खोलो, समय पर हमारी मजदूरी दो। कानून में ग्राम सभा के आधार पर ही कामों की योजना बनाने का प्रावधान हो, रोजगार गारंटी कानून की कमियों को हटाओ, मोबाइल हाजिऱी, जियो टैगिंग, आधार केवाईसी को भगाओ जैसी मांगें शामिल है। संगठन ने चेतावनी दीे हैं कि अगर यह कानून पारित होता है, तो ग्रामीण मजदूर इसका पुरजोर विरोध करेंगे। ईएमएस / 19 दिसंबर- 2025