अंतर्राष्ट्रीय
21-Dec-2025


यूक्रेन लगातार रुस पर ड्रोन से कर रहा हमले मिग समेत एस-400 किया तबाह मास्को,(ईएमएस)। रूस-यूक्रेन युद्ध एक नए और ज्यादा खतरनाक मोड़ पर जाता नजर आ रहा है। एक तरफ नाटो देश फिनलैंड रूस की सीमा के बेहद करीब अमेरिकी एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट तैनात करने की तैयारी में है, वहीं दूसरी ओर यूक्रेन रूस के अंदर और कब्जे वाले इलाकों में लगातार ड्रोन हमले कर रहा है। इन दोनों घटनाओं ने क्रेमलिन की रणनीतिक चिंता को कई गुना बढ़ा दिया है। फिनलैंड ने 16 दिसंबर को अमेरिका के टेक्सास स्थित फोर्ट वर्थ में अपना पहला एफ-35ए लड़ाकू विमान रोलआउट किया। यह सिर्फ एक सैन्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि नाटो में शामिल होने के बाद फिनलैंड की सुरक्षा नीति का सबसे ठोस संकेत माना जा रहा है। 2021 में चुनी गई इस डील के तहत फिनलैंड को कुल 64 एफ-35 विमान मिले, जिसकी लागत करीब 9.6 अरब डॉलर है। यह रूस के सिर तैनात होंगे। पहला विमान 2026 में औपचारिक रूप से डिलीवर होगा। इससे पहले अमेरिकी एबिंग एयरफोर्स बेस में पायलट और तकनीकी स्टाफ की ट्रेनिंग होगी। इसके बाद ये विमान फिनलैंड पहुंचेंगे। फिनलैंड और रूस के बीच 1340 किलोमीटर लंबी सीधी सीमा है। फिनिश अधिकारियों का कहना है कि एफ-35 की स्टील्थ क्षमता, एडवांस सेंसर और नेटवर्क वॉरफेयर सिस्टम रूस जैसे पड़ोसी के खिलाफ निर्णायक भूमिका निभाएंगे। फिनलैंड के रक्षा मंत्री ने इसे नाटो के उत्तरी मोर्चे की सुरक्षा के लिए अहम बताया है। इसी बीच यूक्रेन ने रूस के खिलाफ हमलों की रफ्तार और दायरा दोनों बढ़ा दिए हैं। यूक्रेनी सेना ने दावा किया कि उसके ड्रोन ने कैस्पियन सागर में रूस के फिलानोवस्की तेल क्षेत्र में स्थित एक ऑयल रिग को निशाना बनाया। यह हमला यूक्रेन की सीमा से 700 किलोमीटर से ज्यादा दूर किया गया। इसी हमले में रूसी गश्ती जहाज ओखोतनिक को भी निशाना बनाया गया। क्रीमिया में भी यूक्रेन ने बड़ा झटका देने का दावा किया है। यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक बेलबेक एयरफील्ड पर ड्रोन हमले में दो रूसी एसयू-27 फाइटर जेट नष्ट कर दिया। इनमें से एक विमान पूरी तरह हथियारों से लैस था और उड़ान के लिए तैयार था। इसके साथ ही एयरफील्ड का कंट्रोल टावर भी क्षतिग्रस्त हुआ। दो दिन पहले इसी एयरबेस पर मिग-31 और एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम और रडार को भी निशाना बनाया जा चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक जमीनी मोर्चे पर रूस ने यूक्रेन के ओडेसा क्षेत्र में दबाव बढ़ा दिया है। रूसी हमलों में दिनेस्टर नदी पर स्थित एक अहम पुल को कई बार निशाना बनाया गया, जिससे पश्चिमी सीमा की ओर जाने वाला प्रमुख सप्लाई रूट बंद हो गया। यह रास्ता यूक्रेन की करीब 40 फीसदी ईंधन आपूर्ति के लिए अहम था। हालांकि यूक्रेन ने अस्थायी पोंटून ब्रिज बनाकर और दूसरे रास्तों से सप्लाई चालू रखने का दावा किया है। सिराज/ईएमएस 21दिसंबर25 ---------------------------------