वाशिंगटन,(ईएमएस)। अमेरिका की डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस तुलसी गबार्ड ने इस्लामी कट्टरपंथ को अमेरिका की आजादी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि यह कोई धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि एक राजनीतिक विचारधारा है, जिसका उद्देश्य शरीयत कानून के तहत वैश्विक खिलाफत स्थापित करना है। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पश्चिमी लोकतांत्रिक मूल्यों के बिल्कुल विपरीत है। एरिजोना में टर्निंग पॉइंट यूएसए के अमेरिका फेस्ट को संबोधित करते हुए गबार्ड ने कहा कि यह खतरा अब केवल विदेशों तक सीमित नहीं है, बल्कि अमेरिका के अंदर भी जड़ें जमा चुका है। जो हमारी आजादी के लिए सीधा खतरा है। गबार्ड ने चेताया कि यदि अमेरिका ने समय रहते इस विचारधारा को पहचानकर उसके खिलाफ कदम नहीं उठाए, तो देश को यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि अगर हम कार्रवाई नहीं करते और इसे उसके असली रूप में पहचान कर चुनौती नहीं देते हैं तो अमेरिका भी उन देशों की राह पर चला जाएगा। वहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लग चुके हैं। गबार्ड ने दावा किया कि अमेरिका के कई शहरों में कट्टरपंथी खुलेआम युवाओं को भड़काने और कट्टरपंथ की ओर धकेलने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस विचारधारा से जुड़े लोग असहमति की आवाजों को दबाने के लिए केवल सेंसरशिप नहीं, बल्कि हिंसा और धमकी का भी सहारा लेते हैं। अगर आप अपने ईश्वर-प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हैं, तो वे आपको चुप कराने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पोस्ट तक के लिए लोगों को धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने सरकार और समाज से कट्टरपंथी विचारधाराओं के खिलाफ सख्त और स्पष्ट कार्रवाई की अपील की। सिराज/ईएमएस 21दिसंबर25 ----------------------------------