नापाक कोशिश करने से पहले पूरे बांग्लादेश का अस्तित्व ही मिट जाएगा ढाका,(ईएमएस)। बांग्लादेश इन दिनों कट्टरपंथियों की गिरफ्त में है। युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद से हालात और बिगड़ गए हैं। अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का दौर फिर शुरू हो गया है। साथ ही भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने का काम किया जाने लगा है। बांग्लादेश में हर तरफ हिंसा, आगजनी और लूटपाट मची है। राजधानी ढाका में ही लोग खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस हालात से निपटने में विफल रहे हैं। कुछ हलकों में तो इस बात की भी चर्चा है कि यूनुस ने चुनाव कराने की घोषणा तो कर दी पर वे शायद ऐसा चाहते नहीं हैं। इसकी एक ही वजह है- बांग्लादेश की कुर्सी पर जमे रहना। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूनुस की भारत विरोधी सोच का ही नतीजा है कि जिस देश को भारत ने पाकिस्तान के अत्याचार से मुक्त कराया, उसी देश में भारत के खिलाफ जहर उगला जा रहा है। सिलीगुड़ी कॉरिडोर यानी चिकन नेक को काटने और पूर्वोत्तर के 7 राज्यों को अलग करने के मंसूबे संजोये जा रहे हैं। यह सबकुछ अचानक नहीं हुआ। अप्रैल से अक्टूबर के बीच यूनुस ने दो ऐसे काम किए हैं, जिनसे भारत के प्रति उनके शत्रुतापूर्ण रवैये का पता चलता है। बांग्ग्लादेश की सीमा के आसपास भारत के कई सैन्य ठिकाने हैं। इन्हीं में से एक है इंडियन एयरफोर्स का हासीमारा एयर स्टेशन। चिकन नेक के बेहद करीब स्थित यह एयरबेस 1962 में चीन के साथ युद्ध के बाद अस्तित्व में आया। बांग्लादेश बॉर्डर से इस एयरफोर्स स्टेशन की दूरी तकरीबन 80 से 100 किलोमीटर है। इंडियन एयरफोर्स का यह बेस रणनीतिक और सामरिक तौर पर बहुत अहम है। यहां पर राफेल फाइटर जेट का स्क्वाड्रन तैनात है। इसके अलावा एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम और ब्रह्मोस के बेड़े की तैनाती भी हासीमारा एयरबेस पर है, ऐसे में इसका महत्व काफी बढ़ जाता है। इसके अलावा भी वायुसेना के इस अड्डे पर दूसरे फाइटर जेट्स और कॉम्बेट हेलीकॉप्टर्स की तैनाती है। रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश तीन तरफ से भारत से घिरा है। मोहम्मद यूनुस भी इससे पूरी तरह से अवगत हैं। राफेल फाइटर जेट की रफ्तार तकरीबन 2000 किलोमीटर प्रति घंटे की है। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल की रफ्तार 3700 किलोमीटर प्रति घंटे की है। अब यदि बांग्लादेश भारत से टकराने की हिमाकत करता है तो भारत बांग्लादेश को धूल में मिला सकता है। मोहम्मद यूनुस और उनके शागिर्द शायद इस तथ्य से अंजान हैं कि चिकन नेक को तोड़कर पूर्वोत्तर के 7 राज्यों को शेष भारत से काटने की नापाक कोशिश करने से पहले पूरे बांग्लादेश का अस्तित्व ही मिट जाएगा। बता दें बीजिंग में एक गोलमेज कॉन्फ्रेंस में यूनुस ने क्षेत्र में महासागर के एकमात्र संरक्षक के रूप में बांग्लादेश की अद्वितीय स्थिति पर चर्चा की थी। उन्होंने बताया था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में समुद्र तक सीधी पहुंच नहीं है। यूनुस ने सुझाव दिया था कि यह स्थिति एक बड़ा अवसर देती है, क्योंकि यह क्षेत्र चीनी अर्थव्यवस्था के विस्तार के रूप में काम कर सकता है। मतलब इस क्षेत्र में चीन को घुसने का खुला निमंत्रण दिया था। दूसरी घटना अक्टूबर 2025 की थी। यूनुस ने एक पाकिस्तानी जनरल को एक किताब भेंट की, जिसमें ऐसा नक्शा दिखाया गया था, जिसमें असम और अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों को बांग्लादेश का हिस्सा दर्शाया गया था। कुछ दिनों पहले बांग्लादेश की नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के नेता हसनत अब्दुल्ला ने कहा था कि ढाका भारत के खिलाफ काम करने वाली ताकतों को शरण दे सकता है, जिनमें अलगाववादी समूह भी शामिल हो सकते हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि इससे भारत के ‘7 सिस्टर्स’ कहे जाने वाले पूर्वोत्तर राज्यों को अलग करने का खतरा पैदा हो सकता है। इस बयान पर भारत ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब कर अपनी चिंता जाहिर की थी। ‘7 सिस्टर्स’ में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा हैं। सिराज/ईएमएस 21दिसंबर25 ----------------------------------