राज्य
21-Dec-2025
...


-दमोह में अवैध उत्खनन का स्वर्णकाल? -कार्रवाई कागज़ों में, खनन ज़मीन पर! -प्रशासन मूकदर्शक? दमोह (ईएमएस)। दमोह जिले में अवैध उत्खनन को लेकर एक बार फिर गंभीर आरोप सामने आए हैं। स्थानीय स्तर पर यह कहा जा रहा है कि खनिज विभाग की कथित मिलीभगत से जिले में अवैध खनन खुलेआम फल-फूल रहा है। आरोपों के केंद्र में जिला खनिज अधिकारी राजेंद्र प्रसाद कमलेश का नाम लिया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि उनके कार्यकाल में अवैध उत्खनन का दायरा अभूतपूर्व रूप से बढ़ा है। आरोप लगाने वालों का कहना है कि दमोह जिले के इतिहास में किसी भी पूर्व जिला खनिज अधिकारी के कार्यकाल में अवैध खनन इस स्तर तक नहीं पहुंचा। बड़े खनन माफियाओं पर कथित तौर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही, जबकि छोटी-मोटी औपचारिक कार्रवाई कर दिखावा कर दिया जाता है। यह भी आरोप है कि जिला प्रशासन पूरे मामले में मूकदर्शक बना हुआ है। कुछ लोगों का कहना है कि अवैध खनन करने वालों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते उनके खिलाफ आवाज उठाने से परहेज किया जाता है। सत्ताधारी दल के नेताओं पर भी चुप्पी साधे रखने के आरोप लगाए जा रहे हैं। “कमीशन का खेल, कार्रवाई ठप?” आरोपों के मुताबिक, अवैध खनन से जुड़े लोग अधिकारियों को मोटा कमीशन देकर कार्रवाई से बचे रहते हैं। वहीं, कुछ वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कथित रूप से अपने पक्ष में मीडिया प्लेटफॉर्म तैयार कर वास्तविकता को नकारने का भी दावा किया गया है। “आवाज उठाओ तो टारगेट!” पत्रकारों और आम नागरिकों का आरोप है कि जो भी व्यक्ति भ्रष्टाचार को उजागर करने की कोशिश करता है, उसे निशाना बनाया जाता है। अवैध खनन पर प्रकाशित खबरों पर प्रशासन द्वारा अब तक कोई ठोस संज्ञान नहीं लेने की बात कही जा रही है।