राज्य
21-Dec-2025
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- 2022 में कंपनी का बंद हो चूका था बैंक खाता - सुरेश पिंगले को देकर फर्जी एग्रीमेंट तैयार कराया - दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच भी कराई गई इन्दौर (ईएमएस) कोर्ट आदेश के बाद क्राइम ब्रांच ने जांच कर गो सेवा भारती संस्था के अध्यक्ष और भाजपा नेता सुरेश पिंगले के खिलाफ करोड़ों की जालसाजी के मामले में एफआईआर दर्ज की है। प्रकरण में नरेश नरवानी और शरद दुबे की भूमिका की भी जांच की जा रही है। मामला बैंक से फर्जी तरीके से 3.50 करोड़ रुपए निकालने के प्रयास का है। मामले में रमन अरोरा निवासी ग्रेड एक्सोटिका ने शिकायत दर्ज कराई थी जिस पर क्राइम ब्रांच ने जांच कर सुरेश पिता विठ्ठलराव पिंगले निवासी मिश्र नगर अन्नपूर्णा रोड के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर नरेश नरवानी और शरद दुबे की भूमिका को भी जांच में लिया है। मामले में बताया जा रहा है कि भोपाल के रायसेन रोड स्थित एक लॉजिस्टिक कंपनी के गुम चेक के जरिए इस जालसाजी का प्रयास किया गया था। एडीसीपी क्राइम राजेश दंडोतिया के अनुसार सुरेश पिंगले के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज किया गया है। वहीं दो अन्य व्यक्तियों की भूमिका की जांच की जा रही है। मामला कुछ इस प्रकार है कि रमन अरोरा की सर्च स्मार्ट लॉजिस्टिक नामक कंपनी रायसेन रोड भोपाल पर स्थित है जिसमें उनकी पत्नी संगीता अरोरा भी निदेशक हैं। कंपनी का एक खाता एचडीएफसी भोपाल में था जिसके जारी करीब 50 चेक में से 38 चेक का उपयोग हो चुका था। जून 2022 में कंपनी का वह बैंक खाता बंद कर दिया गया था। इसके बाद करीब 6 जून को कंपनी के एक कर्मचारी द्वारा बैंक रिकॉर्ड की जांच में एक चेक के गुम होने की जानकारी दी तो इसकी सूचना कंपनी संचालक रमन अरोरा द्वारा कनाड़िया थाना इन्दौर को दी गई थी। जिसके बाद रमन अरोरा के घर कोर्ट से एक नोटिस पहुंचा जिसमें 3.50 करोड़ रुपए का भुगतान न होने पर चेक अनादर का उल्लेख था। जांच में सामने आया कि यह वही गुम चेक था और इसे सुरेश पिंगले द्वारा दो अलग-अलग बैंक खातों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया था। जांच में यह भी सामने आया कि ग्राम पिपल्याहाना की एक बेशकीमती जमीन को लेकर रमन अरोरा की पत्नी संगीता अरोरा के नाम से एक एग्रीमेंट तैयार किया गया था, जिसमें सुरेश पिंगले के साथ नरेश नरवानी और शरद दुबे के नाम दर्ज थे। इस एग्रीमेंट में जमीन के सौदे के लिए 3.50 करोड़ रुपए दर्शाए गए थे। रमन अरोरा ने आरोप लगाया था कि एग्रीमेंट और चेक पर किए गए हस्ताक्षर फर्जी हैं। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की गई और कोर्ट में याचिका दायर कर दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच भी कराई गई। जिसके बाद कोर्ट ने क्राइम ब्रांच को 1 दिसंबर को आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे, जिसके पालन में क्राइम ब्रांच ने कल प्रकरण दर्ज कर लिया। बताया जा रहा है कि इस दौरान क्राइम ब्रांच को पूछताछ में दिए अपने बयान में रमन अरोरा ने आरोप लगाते बताया कि उन्होंने ग्राम पिपल्याहाना में मंगलम रेसिडेंसी निवासी रमेश चौधरी से एक जमीन खरीदी थी। इसकी जानकारी नरेश नरवानी और शरद दुबे को थी, जिन्होंने ही यह जानकारी सुरेश पिंगले को देकर फर्जी एग्रीमेंट तैयार कराया था। मामले में क्राइम ब्रांच अब एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई कर रही है।