- मिंटो हॉल में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने किया धरना प्रदर्शन - नाम, स्वरूप से छेड़छाड़ करना, गरीबों के रोजगार के अधिकार को कमजोर करना है भोपाल(ईएमएस)। भाजपा सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा)के नाम एवं स्वरूप में किए जा रहे बदलाव के खिलाफ जिला कांग्रेस कमेटी भोपाल शहर एवं ग्रामीण के संयुक्त नेतृत्व में गांधी जी की प्रतिमा, मिंटो हॉल में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। कॉग्रेंस नेताओ ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए नाम, स्वरूप से छेड़छाड़ करना, गरीबों के रोजगार के अधिकार को कमजोर करने का आरोप लगाया है। प्रदर्शन में भोपाल कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना, जेपी धनोपिया सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए। इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी भोपाल शहर के अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना एवं जिला कांग्रेस कमेटी भोपाल ग्रामीण अध्यक्ष अनोखी मानसिंह पटेल ने कहा कि भाजपा सरकार महात्मा गांधी के नाम, उनके आदर्शों और गरीब-मजदूरों के अधिकारों पर लगातार प्रहार कर रही है। मनरेगा जैसी जनकल्याणकारी योजना के नाम और स्वरूप से छेड़छाड़ कर सरकार गरीबों के रोजगार के अधिकार को कमजोर करना चाहती है, जिसे कांग्रेस पार्टी कभी स्वीकार नहीं करेगी। - नाम बदलने से बेहतर है सुधार करें कॉग्रेंस का आरोप है कि आज भी लोगों को मनरेगा स्कीम के तहत पैसा नहीं मिल पा रहा है, नाम बदलने के स्थान पर सरकार को इस दिशा में सोचना चाहिए। वहीं कॉग्रेंस के सीनियर लीडर जेपी धनोपिया ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) साल 2005 से लगातार पिछले 20 वर्षों से देश के ग्रामीण इलाकों में गरीबों, आदिवासियों और मजदूर वर्ग को रोजगार देने का काम कर रहा है। यह योजना सिर्फ रोजगार नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ रही है। भाजपा ने 11 सालो तक इस योजना का उपयोग किया। इसके बावजूद अचानक इसका नाम बदलने का फैसला लिया गया। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार संसद में कहा था कि मनरेगा कांग्रेस के शासनकाल का एक स्मारक है। अगर ऐसा है, तो फिर सवाल उठता है कि इस स्मारक को मिटाने की जरूरत क्यों महसूस हुई। - भगवान राम हमारे आस्था के केंद्र - लेकिन यह फैसला राजनीतिक संकीर्णता से प्रेरित जेपी धनोपिया ने आगे कहा की भगवान राम हमारे आस्था के केंद्र हैं, लेकिन उनके नाम पर महात्मा गांधी के योगदान को मिटाना न तो उचित है और न ही स्वीकार्य। कांग्रेस पार्टी मानती है, कि यह फैसला राजनीतिक संकीर्णता से प्रेरित है। कांग्रेस इस निर्णय का विरोध करते हुए मनरेगा के मूल स्वरूप व उसकी पहचान को बनाए रखने की मांग करती है। कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार ने मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाने और योजना के स्वरूप से खिलवाड़ करने का फैसला वापस नहीं लिया, तो कांग्रेस पार्टी सड़क से सदन तक आंदोलन को और तेज करेगी। विरोध प्रदर्शन में सेवा दल के प्रदेश मुख्य संघटक अवनीश भार्गव, प्रदेश सचिव योगेंद्र सिंह गुड्डू चौहान, प्रदेश सचिव राजकुमार सिंह, युवा कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष अभिषेक शर्मा सहित समस्त ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। जुनेद / 21 दिसंबर