अंतर्राष्ट्रीय
23-Dec-2025
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-2011 में भूकंप और सुनामी से रेडिएशन हुए लीक, हजारों लोग हुए थे प्रभावित टोक्यो,(ईएमएस)। जापान के नीगाटा क्षेत्र में सोमवार को दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु ऊर्जा संयंत्र को फिर से शुरू करने के फैसले को मंजूरी मिल सकती है। यह फैसला 2011 के फुकुशिमा हादसे के बाद जापान के परमाणु ऊर्जा की ओर वापसी का एक अहम कदम है। काशिवाजाकी-कारीवा संयंत्र, जो टोक्यो से करीब 220 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है, फुकुशिमा दाईची संयंत्र में आए भूकंप और सुनामी के बाद बंद किए गए 54 रिएक्टरों में से एक था। यह हादसा चेरनोबिल के बाद सबसे बड़ी परमाणु आपदा थी। 2011 में एक बड़े भूकंप और सुनामी ने फुकुशिमा दाईची परमाणु संयंत्र को बुरी तरह प्रभावित किया। इस हादसे में रेडिएशन लीक हुआ। हजारों लोग प्रभावित हुए। जापान ने सुरक्षा के लिए देश भर के सभी 54 परमाणु रिएक्टरों को बंद कर दिया। इससे जापान की ऊर्जा नीति में बड़ा बदलाव आया। देश आयातित जीवाश्म ईंधन पर ज्यादा निर्भर हो गया। यह संयंत्र टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी द्वारा संचालित है, जो फुकुशिमा संयंत्र का भी ऑपरेटर था। इसमें 7 रिएक्टर हैं। यह समुद्र किनारे स्थित है। यह दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र है। फुकुशिमा हादसे के बाद से यह बंद है, लेकिन अब इसे फिर से शुरू करने की योजना है। टीईपीसीओ फुकुशिमा के बाद अपना पहला संयंत्र फिर से शुरू करने जा रही है। जापान ने 2011 के बाद से 33 संचालन योग्य रिएक्टरों में से 14 को फिर से शुरू किया है। नीगाटा प्रांत की विधानसभा वोट करेगी, जो अंतिम बाधा है। अगर मंजूरी मिली तो टीईपीसीओ जनवरी 20 को पहला रिएक्टर शुरू करेगी। यह वोट नीगाटा के गवर्नर पर विश्वास मत भी है, जिन्होंने पिछले महीने इस फैसले का समर्थन किया था। नीगाटा में करीब 300 प्रदर्शनकारी इकट्ठे हुए, ज्यादातर बुजुर्ग लोग, जिन्होंने नो न्यूक्स, काशिवाजाकी-कारीवा को फिर से शुरू करने का विरोध और फुकुशिमा का समर्थन जैसे बैनर लिए थे। वे फुरुसातो गाना गा रहे थे। एक प्रदर्शनकारी ने पूछा कि क्या टीईपीसीओ काशिवाजाकी-कारीवा चलाने के योग्य है? भीड़ ने जवाब दिया- नहीं। टीईपीसीओ ने अगले 10 सालों में नीगाटा में 100 अरब येन यानी करीब 641 मिलियन डॉलर निवेश करने का वादा किया है, ताकि लोगों का समर्थन मिले। फिर से हादसा न हो। टीईपीसीओ के प्रवक्ता ने कहा कि हम प्रतिबद्ध हैं कि ऐसा हादसा कभी न दोहराएं। नीगाटा के निवासियों को कभी ऐसा अनुभव न होने दें। अक्टूबर के सर्वे में 60फीसदी निवासियों ने कहा कि फिर से शुरू करने की शर्तें पूरी नहीं हुई हैं। 70फीसदी टीईपीसीओ के संचालन से चिंतित हैं। प्रधानमंत्री सनाए ताकाईची, जो दो महीने से पद पर हैं, आयातित ईंधन की लागत से निपटने के लिए परमाणु फिर से शुरू करने का समर्थन करती हैं। जुलाई में कंसाई इलेक्ट्रिक पावर ने पश्चिमी जापान में नए रिएक्टर के लिए सर्वे शुरू किया, जो फुकुशिमा के बाद पहला है। पहले रिएक्टर को शुरू करने से टोक्यो क्षेत्र में बिजली आपूर्ति 2फीसदी बढ़ सकती है, लेकिन कई लोग खासकर फुकुशिमा से विस्थापित चिंतित हैं। अयाको ओगा, एक किसान और कार्यकर्ता जो 2011 में फुकुशिमा से भागी थीं, उन्होंने कहा कि हम परमाणु हादसे के जोखिम को जानते हैं। इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते। मैं चाहती हूं कि जापान या दुनिया में कहीं भी किसी को फिर से परमाणु हादसे का नुकसान न झेलना पड़े। सिराज/ईएमएस 23 दिसंबर 2025