क्षेत्रीय
25-Dec-2025


गड़बड़ झाला: बगैर निविदा और साक्षात्कार के जारी कर दिए गए नियुक्ति पत्र छिंदवाड़ा (ईएमएस)। स्वास्थ्य विभाग के मुखिया के खासम-खास और साहब के चहेते सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ संविदा कर्मी के माध्यम से आउटसोर्स कर्मचारियों की मल्टी टास्क वर्कर की भर्ती में बड़ा खेला हो गया। आरोप है कि इस भर्ती में लाखों रूपए का गोलमाल किया गया। इतना ही नहीं साहब इस संविदा कर्मी पर इतने मेहरबान हैं कि उन्होंने उक्त संविदा कर्मी को न केवल आउटसोर्स का नोडल अधिकारी बना दिया बल्कि उसे डाटा मैनेजर को भी प्रभार दे दिया जबकि सीएमएचओ कार्यालय में डाटा मैनेजर का पद भोपाल से स्वीकृत होता है और यहां पहले से ही डाटा मैनेजर है इसके बाद भी साहब ने नियमों को ताक पर रखकर उसे प्रभार दे दिया है। इसके कारण उक्त संविदा कर्मी ने भर्ती का पूरा काम अपने हाथ में ले लिया और एमटीएस भर्ती में लाखों का खेला कर दिया। जिले में मल्टीटास्क वर्कर के लिए करीब ५ सौ लोगों के भर्ती करनी थी लेकिन इसके लिए विभाग ने किसी तरह की कोई निविदा नहीं निकालीऔर न ही साक्षात्कार आयोजित किए। सिर्फ ठेका कंपनी के कंधे पर पूरा भार डालकर नियुक्ति पत्र जारी कर दिए और इसमें लाखों रूपए का खेल कर लिया गया। जो गड़बड़ी की ओर इशारा कर रहा है। भर्ती का यह खेल आउटसोर्सर् कंपनी के माध्यम से अधिकारियों ने बड़ा खेल किया है। अब इसे आउटसोर्स एजेंसी के माथे मढ़ कर विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच रहे है। इस पूरे मामले में बड़ी बात यह है कि जिन स्वास्थ्य केंद्रों या सामुदायिक तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती की गई है इसकी खबर वहां के बीएमओ को नहीं है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब अभ्यर्थी अपने-अपने नियुक्ति पत्र लेकर अधिकारियों के पास पहुंचे और ज्वानिंग की मांग की। ऐसे में अधिकारी किसके आदेश पर इन्हें भर्ती करें यह बड़ा सवाल है। साहब के चहेते संविदा कर्मी ने बनाया सिस्टम भर्ती के इस पूरे खेल में बड़े साहब के अधिनस्थ काम करने वाले उनके खासम खास संविदा कर्मचारी पर पूरा नेटवर्क तैयार करने का आरोप लगा है। इसी कर्मचारी ने जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में या यूं कहें कि जिन क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती होना है उस ग्राम के लोगों से पहले संपर्क किया गया और सेटिंग होने के बाद आउटसोर्स के माध्यम से उनकी भर्ती करा दी गई और पूरा सूची को फाइनल बता कर कार्यालय को भेज दिया गया जबकि आउटसोर्स कंपनी को इस भर्ती की खबर ही नहीं है। आरोप बिना नियम के हो गई भर्ती अभ्यर्थियों का कहना है कि पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग ने जो भर्ती की उसमें नियमों को दरकिनार कर अपने चहेतों को लेनदेन के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ कर दिया गया जबकि पात्र अभ्यर्थी इस भर्ती से वंचित हो गए। दरअसल ये नियुक्तियां चिकित्सक शिक्षक, लोक स्वास्थ्य संचालनालय के जुलाई २०२५ के आधार पर की गई है जिसमें जिला मुख्यालय के अस्पताल, सिविल अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मल्टी स्कील्ड ग्रुप डी वर्कर, डाटा एंट्री ऑपरेटर और सफाई कर्मियों की भर्ती आउटसोर्स के माध्यम से करने के निर्देश हैं। आउट सोर्स भर्ती का अधिकार कंपनी को ठेका कंपनी का कहना है कि आउटसोर्स से भर्ती का अधिकार कंपनी को है न कि अधिकारियों को चूंकि कर्मचारियों का पेमेंट कंपनी से ही किया जाता है और उसे कंपनी नियमों के तहत काम करना होता है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब विभाग में स्थाई पद खाली हैं, तो बाहरी ठेका एजेंसियों को क्यों शामिल किया जा रहा है। इससे न केवल बेरोजगार युवाओं में नाराजगी है, बल्कि सरकारी तंत्र की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। मामला तूल पकड़ने के बाद कई अभ्यर्थियों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत भेजी। एक दिन पहले शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग में हाल ही में की गई भर्ती को लेकर जिला पंचायत की बैठक में हंगामा हो गया था। लाखों रूपए के लेनदेन और बंदर बांट की चर्चा भर्ती के इस खेल में ठेका कंपनी के माध्यम से लाखों रूपए का लेनदेन का मामला चर्चाओं में है। पेरीफेरी के अलावा अर्बन क्षेत्रों में भी साहब के चहेते के माध्यम से ही सीधी भर्ती ेकरने के आरोप है। भर्ती के इस खेल में नीचे से लेकर ऊपर तक बड़े लेनदेन की बात सामने आ रही है। इसी भर्ती को लेकर कई शिकायतें जिला प्रशासन तक पहुंची है प्रशासन इस पर जांच के बात कह रहा है। ईएमएस/मोहने/ 25 दिसंबर 2025