डीएपी-एनपीके की बोरी में वजन से कम खाद का मामला छिंदवाड़ा (ईएमएस)। शिकारपुर प्राथमिक सहकारी समिति से एक किसान को दिए गए डीएपी और एनपीके की बोरी में तय मात्रा से कम उर्वरक मिलने के मामले में जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है। जांच टीम ने इस समिति से जुड़े आठ से दस गांवों के सत्तर से ज्यादा किसानों से जाकर पूछताछ की जिन्होंने इस समिति से उर्वरक खरीदा था। इस मामले में शिकारपुर के किसानों से भी पूछताछ की गई थी। कम खाद मिलने की शिकायत करने वाले किसान के साथ समिति प्रबंधक के बयान भी जांच टीम में गए अधिकारियेां ने लिए थे। समिति के स्टाक की जांच भी की गई। पांच सदस्यीय टीम ने की जांच कलेक्टर मे सहकारिता विभाग के डीआर जीएस डेहरिया, सहायक संचालक कृषि धीरज ठाकुर, एसडीओ कृषि नीलकंठ पटवारी, कृषि विस्तार अधिकारी घोगरे और सहकारिता विभाग के एक अन्य अधिकारी की टीम बनाकर इस मामले मे जाँच के निर्देश दिए। टीम शिकारपुर पहुंची और शिकायतकर्ता किसान दंपत्ति से उर्वरक खरीदीं का बिल देखा । इस दौरान जाँच टीम ने सोसायटी से अब तक वितरित उर्वरकों की मात्रा और स्टॉक का मिलन किया जो सही पाया गया। शिकायतकर्ता किसान ने एनपीके की जिन तीन बोरियों मे कम मात्रा मे उर्वरक निकलने की शिकायत की, उन बोरियों को भी जांचकर्ता अधिकारियों ने देखा। तीनो बोरियां लाल धागे से सिली हुई मिली जबकि कृभकों कंपनी के एनपीके के 73 बेग जो समिति गोदाम मे रखे थे हरे धागे से सिले हुए थे। अन्य किसानों ने भी धागे का रंग बदलने की बात से मना किया। किसान ने ये लगाए थे आरोप किसान भगतराम माहारे ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया था कि सहकारी सोसाइटी शिकारपुर से 5 दिसम्बर शुक्रवार को 3 बोरी एनपीके खाद खरीदा। प्रत्येक बोरी पर खाद का वजन 50 किलो की मात्रा लिखी हुई है। किन्तु जब उन्होंने खाद की बोरी का वजन किया तो उसमें एक बोरी में 40 किलो, दूसरी बोरी में 41 किलो एवं तीसरी बोरी में महज 42 किलो खाद है। एक बोरी में सीधे 10 किलो, दूसरी बोरी में 9 किलो एवं तीसरी बोरी में 8 किलो खाद कम निकला है। मामले की जानकारी लगते ही मोहखेड़ के कृषि विभाग के अधिकारियों का दल शिकारपुर पहुंचा और समिति प्रबंधक सुरेंद्र माहोरे तथा संबंधित किसान से इस मामले में विस्तार से पूछताछ की। जांच टीम ने गत दिवस कलेक्टर को अपनी तरफ से जांच रिपोर्ट सौंप दी। अब कलेक्टर ही इस मामले में निर्णय लेंगे। किसान शिकायत वापस लेने किया निवेदन इस मामले में शिकायतकर्ता किसान ने जांच दल को लिखित रूप से पत्र देकर शिकायत वापस लेने का निवेदन भी किया। जांच टीम से बातचीत के दौरान उसने कहा कि खाद खरीदने के बाद उसने आटोचालक को उर्वरक घर पहुंचाने कहा था। हो सकता है उसने गड़बड़ी की हो। ध्यान रहे शिकायत के समय से ही मामला संदिग्ध नजर आ रहा था। हालांकि जांच टीम ने शिकायत को गंभीर बताते हुए अपनी जांच पूरी की और रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है। इस संबंध में क्या निर्णय होता है इसका इंतजार है। ईएमएस/मोहने/ 25 दिसंबर 2025