पटना, (ईएमएस)। लखनऊ में निर्मित “राष्ट्र प्रेरणा स्थल” केवल एक स्मारक नहीं, बल्कि भारत के राष्ट्रवादी विचार, सांस्कृतिक चेतना और वैचारिक संघर्ष की जीवंत प्रतीक है। यह कहना है भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेल का। उन्होंने अपने बयान में कहा कि इस स्थल पर स्थापित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमाएँ उस विचारधारा का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिसने देश की राजनीति को राष्ट्र प्रथम, अंत्योदय और सुशासन की दिशा दी। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अखंड भारत के लिए अपना बलिदान देकर राष्ट्रवाद को संकल्प का रूप दिया। पं. दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद आज भी शासन और समाज के बीच संतुलन का मार्गदर्शक सिद्धांत है। वहीं अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्रवाद को संवेदनशीलता, संवाद और विकास के साथ जोड़ा, जिससे भारत वैश्विक मंच पर सम्मान के साथ खड़ा हुआ। “राष्ट्र प्रेरणा स्थल” आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश देगा कि राष्ट्रवाद किसी संकीर्ण सोच का नाम नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और समावेशी विकास की विचारधारा है। यह स्थल युवाओं को अपने महापुरुषों के संघर्ष, आदर्श और विचारों से प्रेरणा लेने का अवसर देगा तथा राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करेगा। यह ऐतिहासिक और प्रेरणादायी पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण संभव हो सकी है। मोदी जी के मार्गदर्शन में देशभर में सांस्कृतिक पुनर्जागरण और राष्ट्रवादी चेतना को मजबूती मिली है, वहीं योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश को विकास के साथ-साथ वैचारिक पहचान देने का कार्य किया है। लखनऊ में बना यह राष्ट्र प्रेरणा स्थल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। यह स्थल स्पष्ट संदेश देता है कि भारत अपनी वैचारिक जड़ों, महापुरुषों और राष्ट्रवादी मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है-सशक्त, आत्मनिर्भर और गौरवशाली भारत की ओर। संतोष झा- २६ दिसंबर/२०२५/ईएमएस