इस्लामाबाद(ईएमएस)। पाकिस्तान के राजनीतिक संकट के बीच एक शर्मनाक घटना सामने आई है। पंजाब विधानसभा में गत दिवस खैबर पख्तूनख्वा (केपी) के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी के साथ सुरक्षाकर्मियों ने न केवल बदसलूकी की, बल्कि उनके और उनके प्रतिनिधियों के साथ मारपीट भी की गई। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें सुरक्षाकर्मी मुख्यमंत्री और उनके साथियों को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोकते और धक्का देते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो के अनुसार, जब मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी अपने प्रतिनिधियों के साथ पंजाब असेंबली में प्रवेश कर रहे थे, तब वहां तैनात गार्ड्स ने उन्हें जबरन रोकने का प्रयास किया। इस दौरान अफरीदी के साथी फतेह उल्लाह बुर्की ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, तो सुरक्षाकर्मियों ने उनके साथ भी मारपीट की और उन्हें धक्का देकर बाहर निकालने का प्रयास किया। हालांकि, बाद में अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के बीच-बचाव के बाद स्थिति को नियंत्रित किया गया। गनीमत यह रही कि इस झड़प में किसी को गंभीर चोट नहीं आई है। इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया। उन्होंने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि कोई भी लोकतांत्रिक सरकार इस तरह का व्यवहार नहीं करती। यह सीधे तौर पर मार्शल लॉ जैसी स्थिति है और पाकिस्तान में लोकतंत्र गंभीर खतरे में है। उन्होंने पंजाब की वर्तमान सरकार को नकली सरकार बताते हुए आरोप लगाया कि लाहौर में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है और सांसदों के साथ भी अभद्रता की जा रही है। अफरीदी ने बताया कि उनके कार्यकर्ताओं के वाहन रोके गए और कई समर्थकों को गिरफ्तार भी किया गया है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद पाकिस्तान की दो प्रमुख पार्टियों के बीच बढ़ती कटुता का परिणाम है। पंजाब में इस समय नवाज शरीफ की पार्टी मुस्लिम लीग नून की सरकार है और मरियम नवाज वहां की मुख्यमंत्री हैं। दूसरी ओर, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से संबंध रखते हैं। उल्लेखनीय है कि सोहेल अफरीदी के साथ इस तरह की मारपीट की यह पहली घटना नहीं है। ठीक एक महीने पहले, जब वह रावलपिंडी की अडियाला जेल में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से मिलने गए थे, तब भी पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था। उस समय भी पुलिसकर्मियों द्वारा उनके बाल खींचने और उन्हें जमीन पर गिराने की खबरें आई थीं। ताजा घटना ने पाकिस्तान की प्रशासनिक व्यवस्था और सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वीरेंद्र/ईएमएस/27दिसंबर2025