अंतर्राष्ट्रीय
27-Dec-2025


एक महिला प्रदर्शनकारी ने ब्रिटेन में दी मुनीर को खुली धमकी लंदन,(ईएमएस)। पाकिस्तानी आर्मी चीफ असीम मुनीर के खिलाफ ब्रिटेन में हुए प्रदर्शनों पर चिंता बढ़ गई है। पाकिस्तान सरकार ने एक्टिंग ब्रिटिश हाई कमिश्नर को डिमार्शे जारी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही सेना प्रमुख मुनीर की सुरक्षा के लिए यूके से मदद मांगी है। इससे साफ होता हैं कि भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ बड़ी-बड़ी बातें करने वाली पाकिस्तान आर्मी का विदेशी सपोर्ट बेस पर कंट्रोल कम हो रहा है। सेना को अपने चीफ के लिए यूके से मदद का हाथ बढ़ाना पड़ रहा है। ब्रिटेन के ब्रैडफोर्ड में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन को लेकर ये मामला बढ़ा है, जिसमें मुनीर का पूर्व पाकिस्तानी शासक जिया उल हक जैसा हाल करने की बात प्रदर्शनकारी ने कही है। इस्लामाबाद ने इस प्रदर्शन के दौरान मुनीर के खिलाफ सार्वजनिक रूप से धमकी देने का मामला ब्रिटिश अधिकारियों के सामने उठाया है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने ब्रिटेन से वीडियो सबूतों का हवाला देकर कहा कि यह सीधेतौर पर हिंसा भड़काने जैसा है। इसके बाद मुनीर की सुरक्षा को लेकर ध्यान दिया जाए। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वीडियो में एक महिला विरोध प्रदर्शन में मुनीर के खिलाफ हिंसक धमकी देती दिखती है। यह महिला कथित तौर पर कार बम का जिक्र करती है। वह 1988 के विमान विस्फोट से तुलना कर रही है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति जनरल जिया मारे गए थे। पाकिस्तान ने कहा है कि यह राजनीतिक विरोध से बढ़कर आतंकवाद से संबंधित उकसावा बन गया है। ब्रिटेन की घटना ने पाकिस्तान की शीर्ष सैन्य नेतृत्व के खिलाफ सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए विदेशी सरकारों पर बढ़ती निर्भरता को दिखाया है। यहां तक कि पाकिस्तान के प्रवासी समुदाय के खतरे के सामने भी पाकिस्तान की सरकार सेना बेबस दिख रही है। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों ने सरकार के बयान को खारिज कर दिया है। पार्टी के करीबी सूत्रों का कहना है कि ब्रैडफोर्ड में जमावड़ा राजनीतिक प्रदर्शन था। पीटीआई नेताओं का तर्क है कि वीडियो क्लिप को सरकार चुनिंदा रूप से प्रचारित कर रही है ताकि असहमति को अपराध की तरह दिखाकर मुनीर के विदेशी आलोचकों को चुप कराया जा सके। इमरान खान की पार्टी का कहना है कि पाकिस्तान सेना और सरकार विदेशों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को जानबूझकर आतंकवाद से जोड़ रही है। पीटीआई समर्थकों का कहना है कि इस्लामाबाद की मौजूदा सरकार वैधता हासिल करने में विफल है। इसलिए विदेशी सरकारों पर राजनीतिक विरोधियों का पीछा करने के लिए दबाव डाला जा रहा है। आशीष दुबे / 27 दिसंबर 2025