काबुल,(ईएमएस)। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान की ओर से पाकिस्तान को रिश्ते पटरी पर लाने का ऑफर दिया है। पाकिस्तान को सुलह का संकेत देकर अफगान तालिबान सरकार के केंद्रीय गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश के खिलाफ नहीं हो रहा है। अगर किसी को ऐसा लगता है या कोई गलतफहमी है, तब हम उसका शक को दूर करने के लिए तैयार है। रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल में हक्कानी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना बातचीत के दरवाजे खुले होने का ऐलान किया है। इससे दोनों देशों के रिश्ते बेहतर होने की उम्मीद लगा रहे हैं। दोनों देशों में हालिया महीनों में कई दफा बॉर्डर पर गोलीबारी हुई है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बीते दो माह से व्यापार भी काफी हद तक बंद है। तालिबान ने कहा कि उनकी सरकार दोहा समझौते का पालन कर रही है। अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश के खिलाफ नहीं होने दे रही है। यह टीटीपी के मुद्दे पर पाकिस्तान को समझाने की कोशिश है। पाकिस्तान का कहना है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल कर उसके लोगों को मार रहा है। हक्कानी ने कहा, अफगानिस्तान किसी भी देश या क्षेत्र के लिए कोई खतरा नहीं है। तालिबान नेतृत्व अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अविश्वास और गलतफहमी को खत्म करने के लिए उचित और स्थायी समाधान खोजने में जुटा है। मौजूदा मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत के दरवाजे बंद नहीं हैं। हम शांति की तरफ चीजों को ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हक्कानी ने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया लेकिन पाकिस्तान की काबुल से लंबे समय से टीटीपी पर बैन की मांग की ओर संकेत किया। हक्कानी की ये टिप्पणियां इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि टीटीपी उनके गुट के प्रति वफादार मानी जाती है। इसके बाद हक्कानी का बयान काफी अहम हो जाता है। पाकिस्तान के लिए भी ये अहम है क्योंकि उसको इस लड़ाई में काफी झटके लगे हैं। आशीष दुबे / 27 दिसंबर 2025