राज्य
31-Dec-2025
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भोपाल (ईएमएस)। केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का “लाड़ला भांजा योजना” को लेकर दिया गया बयान अब सियासी मजाक से ज्यादा विवाद का रूप लेता नजर आ रहा है। रायसेन में एक कार्यक्रम के दौरान मजाकिया लहजे में कही गई यह बात सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना का कारण बन गई है। लोगों का कहना है कि प्रदेश पहले से ही कई जमीनी समस्याओं से जूझ रहा है और ऐसे में नई योजनाओं पर हल्के-फुल्के बयान गंभीरता की कमी दर्शाते हैं। सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में यूजर्स ने सवाल उठाया कि जब “लाड़ली बहना योजना” में अभी भी हजारों महिलाएं नाम जुड़ने का इंतजार कर रही हैं और राशि बढ़ाने की मांग लगातार उठ रही है, तब नई योजना की चर्चा क्यों की जा रही है। कई लोगों ने आरोप लगाया कि सरकार जनता की असली परेशानियों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दे रही है। कुछ यूजर्स ने इसे चुनावी राजनीति से जोड़ते हुए कहा कि यह बयान सिर्फ सुर्खियों में बने रहने की कोशिश है। आलोचकों का यह भी कहना है कि प्रदेश में किसान संकट, बेरोजगारी, महंगाई और महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दे ज्यादा गंभीर हैं, लेकिन उन पर ठोस समाधान की बजाय योजनाओं के नाम पर बयानबाजी की जा रही है। कई लोगों ने शिवराज सिंह चौहान के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि एक वरिष्ठ नेता से ऐसी उम्मीद नहीं की जाती। हालांकि मंच पर मौजूद लोगों को यह बात मनोरंजक लगी, लेकिन सोशल मीडिया पर माहौल पूरी तरह उलट नजर आया। कुछ यूजर्स ने यहां तक कहा कि इस तरह के बयान सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े करते हैं। विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को लपकते हुए सरकार पर तंज कसा और कहा कि भाजपा के नेता जनता की वास्तविक समस्याओं से कट चुके हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि “लाड़ला भांजा योजना” जैसा बयान भले ही मजाक में दिया गया हो, लेकिन मौजूदा हालात में यह जनता के गुस्से को और भड़का सकता है। कुल मिलाकर, यह बयान शिवराज सिंह चौहान के लिए राजनीतिक असहजता का कारण बन गया है और सोशल मीडिया पर नकारात्मक बहस को हवा दे रहा है।