राष्ट्रीय
31-Dec-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। डीआरडीओ ने ‘प्रलय मिसाइल का बड़ा और सफल परीक्षण किया है। ओडिशा के तट से एक ही लॉन्चर से कुछ ही सेकंड के अंतर में दो प्रलय मिसाइलें दागी गईं। दोनों मिसाइलों ने अपने तय लक्ष्य को पूरी तरह हासिल किया। यह परीक्षण साल के आखिरी दिन किया गया। मिसाइलों की उड़ान और अंतिम चरण पर चांदीपुर टेस्ट रेंज के रडार और समुद्र में तैनात जहाजों से लगातार नजर रखी गई। बाद में पता चला कि हर सिस्टम ने सही तरह से काम किया। प्रलय मिसाइल पूरी तरह स्वदेशी है। यह सॉलिड फ्यूल से चलती है । नेविगेशन की मदद से यह बेहद सटीक निशाना लगाने में सक्षम है। मिसाइल में इनिशयल नेविगेशन सिस्टम के साथ रेडियो प्रीक्वेंसी सीकर भी मौजूद है । इन तकनीक की मदद से मिसाइल अपने रास्ते से नहीं भटकती है। अपने तय लक्ष्य तक बिल्कुल सही दिशा में पहुंच कर ही दम लेती है। यह अलग-अलग तरह के वारहेड ले जा सकती है। दुश्मन के अहम ठिकानों को निशाना बना सकती है। इस मिसाइल की रेंज 500 किलोमीटर तक है ।यह मिसाइल 500 किलो से लेकर 1000 किलो तक का वॉरहेड ले जाने में सक्षम है। इसकी रफ्तार भी बहुत तेज है। दुश्मन जब तक समझ पायेगा तब तक कुछ पलों में सब कुछ बरबाद हो गया होगा। इस मिसाइल को डीआरडीओ ने भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर तैयार किया है। परीक्षण के दौरान भारतीय सेना और वायुसेना के अधिकारी भी मौजूद थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर डीआरडीओ, सेना, वायुसेना और देश के उद्योग जगत को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक ही लॉन्चर से दो मिसाइलों का सफल परीक्षण सिस्टम की भरोसेमंदी को दिखाता है। वहीं डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने कहा कि यह सफलता बताती है कि प्रलय मिसाइल अब सेना में शामिल होने के बेहद करीब है। सुबोध/३१-११-२०२५