-हाई कोर्ट के निर्देश पर पेश किया गया शपथ-पत्र जबलपुर,( ईएमएस)। हाई कोर्ट ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्त दिवंगत कर्मी के पेंशन व अन्य देयकों का भुगतान न होने के मामले को बेहद गंभीरता से लिया। पूर्व में अनावेदकों की ओर से कहा गया था कि कर्मी का रिकार्ड न मिलने के कारण उसके देयकों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। न्यायालय की सख्ती के बाद आगे हुई सुनवाई दौरान सीएमएचओ, खंडवा ने हाजिर होकर शपथ-पत्र पेश कर कहा कि वे 90 दिनों के भीतर देयकों का भुगतान कर देंगे। याचिकाकर्ता ललिता रावत, उनकी तीन बेटियों व बेटे की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि उनके पति जगन्नाथ रावत की पहली पोस्टिंग सीएमएचओ कार्यालय खंडवा में हुई थी। इसके बाद उनका अन्य स्थानों में स्थानांतरण हुआ था। उनके पति ने सीहोर सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थापना के दौरान स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया था। इसके बाद वह ड्यूटी में नहीं गए और विभाग की ओर से उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गयी। याचिका में कहा गया था कि उनके पति की मौत हो गयी है और विभाग ने सेवानिवृत्ति देयकों तथा पेंशन का लाभ प्रदान नहीं किया है। जिसके कारण उन्होंने हाई कोर्ट की शरण ली थी। याचिका का निराकरण करते हुए हाई कोर्ट ने सीएमएचओं निर्देशित किया था कि वे याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का निराकरण तीस दिनों में करे। सीएमएचओं ने अभ्यावेदन इस आधार पर निरस्त कर दिया था कि उनके पति के सेवा काल का रिकार्ड नहीं मिल रहा है। जिसके कारण उक्त याचिका दायर की गई है। याचिका की सुनवाई के दौरान सीएमएचओ, खंडवा डा. ओपी जुगतावाल ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर पेश शपथ-पत्र में कहा है कि 90 दिनों में देयकों का भुगतान कर दिया जाएगा।