राज्य
05-May-2025
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बस्तर(ईएमएस)। जहां एक ओर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सुशासन तिहार मनाया जा रहा है और कलेक्टर बस्तर द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों से लोगों की समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बकावंड विकासखंड में राशन माफियाओं द्वारा सरकारी चने की कालाबाजारी का मामला उजागर हुआ है। सरकारी योजनाओं के तहत छत्तीसगढ़ शासन ने आदिवासी उपभोक्ताओं को शारीरिक रूप से सशक्त बनाने और कुपोषण को दूर करने के लिए प्रत्येक राशन कार्डधारी को दो किलोग्राम पैकेटबंद चना देने का प्रावधान किया था। लेकिन बकावंड के राशन दुकानदार इस योजना का दुरुपयोग कर रहे हैं और चने की कालाबाजारी कर रहे हैं। हाल ही में, बकावंड विकासखंड के राशन दुकानों से चने का वितरण में घपलेबाजी का मामला सामने आया है। कुछ माह पहले ओडिशा के बेसन निर्माताओं के पास गरीबों के चने का चुराया जाना भी उजागर हुआ था। अब 2024 के अंतिम चार महीनों का चना आवंटित किया गया था, लेकिन वितरण में अनियमितता देखी गई है। राशन दुकानदारों ने किसी को 1 पैकेट, किसी को 2 तो कुछ को 3 पैकेट चना दिया, जबकि प्रत्येक राशन कार्डधारी को 8 पैकेट चना मिलना चाहिए था। बकावंड ब्लॉक में कुल 95 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं, जिनमें से केवल 3 पंचायतों के दुकानदारों ने सही तरीके से चने का वितरण किया। बाकी 92 दुकानों पर घपलेबाजी की सूचना मिली है। शिकायतकर्ता बृजलाल सेठिया और नरसिंह पुजारी ने कलेक्टर से शिकायत की है, और बताया कि केवल ग्राम टलनार, करीत और चितालूर में चने का वितरण सही तरीके से हुआ है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि इस घोटाले के चलते बकावंड ब्लॉक के राशन दुकानदारों और विभागीय अधिकारियों ने करीब 80 लाख रुपए की काली कमाई की है। फूड इंस्पेक्टर हेमंत कुमार ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा निर्धारित मात्रा में चने का वितरण न होने की जानकारी मिली है। कुछ तकनीकी कारणों से ऐसा हुआ है, और मामले की जांच की जाएगी। ईएमएस(संजय कुमार जैन)05 मई 2025